Book Title: Ardhamagdhi Vyakaran
Author(s): K V Apte
Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra

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Page 11
________________ (१०) ८५) द्वित्व कसे करावयाचे? ८६) संयुक्तव्यंजनातील अवयवांचे संयोग ८७) स्पर्श + स्पर्श ८९) स्पर्श + ऊष्म ९१) स्पर्श + अंतस्थ ८८) ९० ) ९२) ९४) ९६) ऊष्म + ऊष्म ९८) अंतस्थ + ऊष्म १००) इतर संयुक्तव्यंजनांचे विकार १०२) अनुनासिक + ऊष्म स्पर्श + अनुनासिक ऊष्म + स्पर्श अंतस्थ + स्पर्श अनुनासिक + अंतस्थ ९३) अनुनासिक + अनुनासिक ९५) अंतस्थ + अनुनासिक ९७) ऊष्म + अंतस्थ ९९) अंतस्थ + अंतस्थ १०१) अनुनासिक + स्पर्श १०३) ऊष्म + अनुनासिक १०४) ह् ची संयुक्तव्यंजने व त्यांचे विकार १०५) मध्य विसर्गाचे विकार १०६) मध्य संयुक्तव्यंजनांचे अनियमित विकार १०७) तीन अवयवी संयुक्तव्यंजनांचे विकार १०८) आद्य संयुक्तव्यंजनांचे विकार १०९) आद्य संयुक्तव्यंजन : अनियमित विकार ११०) अन्त्य संयुक्तव्यंजनांचे विकार १११) तीन अवयवी अन्त्यसंयुक्तव्यंजनांचे विकार ११२) समासांत ११३) संस्कृतमधील जोडाक्षरांची प्राकृतमधील वर्णांतरे ११४) एकाच प्राकृत जोडाक्षरासाठी येणारी अनेक संस्कृत जोडाक्षरे प्रकरण ७ : भाषाशास्त्रीय वर्णादेश ११५) प्राथमिक ११६) स्वरभक्ति ११७) एकाच शब्दात स्वरभक्तीने येणारे अनेक स्वर ११८) सुलभीकरण ११९) द्वित्वागम

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