Book Title: Apbhramsa of Hemchandracharya
Author(s): Hemchandracharya, Kantilal Baldevram Vyas, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 209
________________ (180) धणहे धम्मु देसुच्चाडणु ( देशोच्चाटनम्) ४३८-२ दोणि (द्वे) ३४.-२,३५८-२ दोसु (दोषः) ४३९-३ दोसडा (दोषौ) ३७९-१ द्रम्मु (द्रम्मम् ) ४२२-४ (दृष्टिः ) ४२२-५ धण (धन्या, नायिका,प्रिया)३३०-१, ३६७-४,४३०-१, १४४-२ (धन्यायाः) ३५०-१,४४५-१ धणि (प्रिये) ३८५ धणु (धनम्) ३७३ धम्मि (धर्म) ३४१-३.३९६-३ भरइ, धरेइ (धरति) ३३४-१,३३६-१, ४३८-३ धरहि (धर) ४२१-१ धरहि (धरतः) ३८२ (धरा,अवलम्बनम् ) ३७७.१ (धराम्) ४४१-२ धवल (धवल) ४२१-१ (धवल:) ३४०.२ धाइ (धावति) धार (धाराम् ) ३८३-२ धुहुअइ (शब्दायते) ३९५-७ धुरु (धुरम् १२१-१ (धूमः) ४१५-१ धूलडिआ (धूलि:) . __ ४३२ ( यद्) ३६०-१,४३८-१ (ध्रुवम्) ४१८-३ म (न) ३३२-२, ३६५, ३४०-२, ३४१-१,३४९-१,३५०-1, ३५८-२,३६०-१,३८३-१, २,३८६-१,३९०,३९६-३, ४०१-४, ४०६-१, २, ४१४-२,११६-१,४१८-१, ४,६,४१९-१,३,४२०-३, ४२१, ४२२-१,१०,१३, ४२३-४,४३२,४३२,४३६, ४४१-१,४४४-1, ४४५-३ ण (म) ३५८-१ नवि,गनि (न अपि) . .३३०-४,३३९, ३४०-१,३५६, ३९५-७,४०२,५३८.१ नइ . (नघः) ४२२-२ नउ (न) ४२३-२ (यथा) ४४४-२ नं (ननु) ३८२,३९६-५ नंदउ (नन्दतु) ४२२-१२ नच्चाविउ (नर्तितः) ४२०-२ नमहु (नमत) ४४६ नयण (नयन) ४२२.५,४४४-३ नयहिं (नयन ४२३-२ मयण-सर (नयनशरौ) ४१४-३ नर (नराः) १२,४४२-१ नर (नरः) भवहि (नमन्ति ) ३६७-३ नवंताहं ( नमताम् ) ३९९-१ नवइ (नवे) ३९६-४ नवस्त्री (नवीना) ४२०-३ धर धर धवलु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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