Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit, 
Publisher: Sujalpur

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Page 11
________________ ॥६॥ Educatich लाप्रातका उचककरता स-संग्रह एकवा (करीमानई। नून येमान पातेजा रचना नयनरमाथि वा परिनोध वा पारीश्रावरूप मारे निज निगमन यति के है जो कर सभी पर बड वाई एवामं उतावध्याउलाई - एम चरण उपयोग भाव- अ-भग उपयोगर चार कनोकररणाहारएक नाथ २पकना कर एए हार घ व. चथवा व ताबा म.सर्वन इरा- एवमान द·द्रमप्रापय संग्रहनयाना घली या दावत्स्याणिवा सरादावस्सए उक्सु जस्म श्राश्रागमथ की यात् ए. एक जद. (इमान /उ-धानी बांबा) स. विशिदनययाग्दीद कमथ वा ३५ क्रमान एएच अता ॥ श्रागमउ एवं दवा वस्मयं पुहतं निबतिरहे सनया हार स्मवि संगहस्स प्रा. श्रीगम का प्रथ द· एकद्रमत्रा (वाघण धको गावागावा 'द प्रांगमथ कि धरण दुमप्रानश्पक तावागमउदा वर्तमानकाज मुनयन उपयोग रचाव नोकराणार ॥६॥

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