Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit, 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ Jain Education "मायाला भेजे दो से ६ बसंत मोजे उतरतमो हलिजे एएएबने गं फामे से तंजावोदय निष्पन्ने सेतंनद ये निष्पन्ने सेतै उदयनामे मे) किंत वस 25 बिपन्न तंडरदानि वस मे यनवसमनिष्य नेटया सेकिर्तन वसमे शमा दीपिका क मा स्म दस मे एसे तंत्र वसमे ।। इसमे निम्फ नै अग बिदियत्रत्रे तंऊदा नवसंत को देन वसंतमा सतन वसमनिष्यन्ने सेतंदव समिएनामें तर इनि दिपन्नात्रा तदा मयखयनिष्पन्ने याम किंत एकम्म पडवसे तरदश्य सकिंत यनिष्पत्रेश्एग विदे नादिसाधार/रदोकिएकदली रवा पा लिनिबो दियनाशावरयवंस यंजदिमा केवलेना पादर वरण निरावरण स्वीणा वर तो एसवर एडो कम्मो बिम को केवल सास इंद सीरवी गोनाहोरवा एनिद्दा निदेखी लेखी पाय लापयलेरदी गाठी या गावी चरक दस गावराण एवं चरक नदिय केवलदसावर । अणावरो। निराव पत्र रिल वसंत उमरी रामोश

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112