Book Title: Anuyogadwara Sutra
Author(s): Aryarakshit,
Publisher: ZZZ Unknown
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कितिहि कारण हि मोटे। तत्रोले सामघातदो
गुणाय देवो चित्रों भाई बिसदासदयुगमलामा मदनरावेद लिस वधणांस विलिसयादतिले हवया रेवतिसरे एसा नरक त्तय रिवा डा से नरकन नाम से किं तदेवया नामेयमिदेवया दिना दि विहनामे जावको पियावा समरुदिता विदासमपिनलगा सविताता वायुदग्रा मित्तो. इंदों निरैना व्याक विस्मोयंबत विसंवा रुबिवाइयासमेव देवतानामो से कलना खयालो गराइ नास्वन्निएका गाया को रचसितंक लना में से कितासंड ना मेरे समपिंडरंगे लिरका वालियेताव में परिचायामितया मंड नाम से किं तंगनामे मल्ले मल्ल दिने। मल्लधम्मल सम्म नदेोमल्लदास। मतर रिकाएँ । सेतगण नामसे किं तंद्रा विद्यानामेश्वरक
कितिसम्म कितिदावकि त्रिदा कित्ति अनुप दान किन्नियेगे दि िमिगसिरहा
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