Book Title: Anuvrat aur Anuvrat Andolan Author(s): Satishchandra Jain Publisher: Z_Kesarimalji_Surana_Abhinandan_Granth_012044.pdf View full book textPage 3
________________ 666 ३१४ DIDISI Jain Education International कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : चतुर्थ खण्ड अणुव्रत आन्दोलन का एक ध्येय है-नैतिक मूल्यों का पुनरुत्थान । कार्य-पद्धति में देश-काल के अनुसार नवनव उन्मेष होते रहे। हिमालय की उपत्यकाओं से आने वाला निर्जर क्षेत्री अपेक्षाओं के अनुसार अनेक धाराओं में बहने लगा। अभियान को चरितार्थ करने में वैतिक चेतना ही पर्याप्त नहीं थी इसलिए वर्गीय कार्यक्रमों का आविर्भाव हुआ और वर्गीय नियमों का निर्मान हुआ इस आधार पर व्यापारियों विद्यार्थियों कर्मचारियों, महिलाओं आदि में व्यापक सुधार हुआ । अणुव्रत सब के लिए १. मैं चलने-फिरने वाले निरपराध प्राणी का संकल्पपूर्वक वध नहीं करूँगा । २. मैं न तो आक्रमण करूँगा और न आक्रामक नीति का समर्थन करूँगा । ३. मैं हिंसात्मक उपद्रवों एवं तोड़-फोड़मूलक प्रवृत्तियों में भाग नहीं लूंगा । ४. मैं मानवीय एकता में विश्वास रखूंगा (क) मैं जाति, वर्ण आदि के आधार पर किसी को अस्पृश्य या नीच नहीं मानूंगा । ( ख ) मैं सम्पत्ति, सत्ता आदि के आधार पर किसी को हीन या उच्च नहीं मानूंगा । ५. में सभी धर्म-सम्प्रदायों के प्रति सहिष्णुता रखूंगा। ६. मैं व्यवसाय व व्यवहार में सत्य की साधना करूँगा । ७. मैं चोर-वृत्ति से किसी की वस्तु नहीं लूंगा । 5. मैं स्वदार ( या स्वपति) सन्तोषी रहूँगा । C. मैं रुपये व अन्य प्रलोभन से मत ( वोट) न लूंगा और न दूंगा । १०. मैं सामाजिक कुरूढ़ियों को प्रश्रय नहीं दूंगा । ११. मैं मादक व नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा । अणुव्रत : व्यापारियों के लिए १. मैं झूठा तौल माग नहीं करूंगा। २. मैं किसी चीज में मिलावट नहीं करूंगा । २. मैं चोरबाजारी तस्करी आदि) नहीं करूंगा। ४. मैं राज्य निषिद्ध वस्तु का व्यापार नहीं करूंगा । ५. मैं एक प्रकार की वस्तु दिखाकर दूसरे प्रकार की वस्तु नहीं दूंगा । अणुव्रत कर्मचारियों के लिए : १. मैं रिश्वत नहीं लूंगा । २. में प्राप्त अधिकारों से किसी के साथ अन्याय नहीं करूंगा । ३. मैं जनता और सरकार को धोखा नहीं दूंगा । अणुव्रत विद्यार्थियों के लिए १. मैं परीक्षा में अवैधानिक उपायों से उत्तीर्ण होने का प्रयत्न नहीं करूँगा। २. मैं तोड़-फोड़मूलक हिंसात्मक प्रवृत्तियों में भाग नहीं लूंगा । ३. मैं विवाह प्रसंग में रुपये आदि लेने का ठहराव नहीं करूँगा । ४. मैं धूम्रपान व मद्यपान नहीं करूँगा । ५. मैं बिना टिकट रेल यात्रा नहीं करूंगा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.Page Navigation
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