Book Title: Anusandhan 2010 12 SrNo 53
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 187
________________ डिसेम्बर 2010 181 पर मधुर संस्कृतभाषामां बोलतां जैनमुनिओना अनुपम साहित्यसर्जन विशे सरस जाणकारी आपी हती. ___आ सभामां कच्छ-युनिवर्सिटीना पूर्वकुलपति श्री कान्ति गोर पण उपस्थित रह्या हता अने प्रासंगिक प्रवचन आप्यु हतुं. ते सिवाय आ सभामां संस्कृत साहित्य अकादमीना अध्यक्ष श्री गौतम पटेल, गुजरातना संस्कृतभाषाना मूर्धन्य कवि श्री हर्षदेव माधव तथा अन्य विद्वान साहित्यकारो उपस्थित रह्या हता. सभाना मुख्य कार्य रूपे अयनपत्र 'नन्दनवनकल्पतरु'ना पचीसमा अंकना लोकार्पण साथे डॉ. राजेन्द्र मिश्रना नूतन पुस्तक 'संस्कृत भाषा के अर्वाचीन काव्यसाहित्य का समीक्षात्मक इतिहास' तथा साध्वीश्री चन्दनबालाश्रीजी सम्पादित त्रण ग्रन्थो, पण लोकार्पण थयुं हतुं. सभाना अन्ते आचार्यश्री विजयसूर्योदयसूरिजीओ पोताना आशीर्वाद आप्या हता. आखी सभानुं सफळ संचालन संस्कृतभाषाना मूर्धन्य विद्वान डॉ.श्री वासुदेव पाठके कर्यु हतुं. C/o. सन्त साहित्य-संशोधन केन्द्र, आनन्द-आश्रम, घोघावदर (गोंडल)

Loading...

Page Navigation
1 ... 185 186 187