Book Title: Antargruha me Pravesh
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 88
________________ चलं, बन्धन के पार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर वन्धन-मुक्ति के लिए क्रान्तिकारी सन्द श। पृष्ट ३२ मूल्य २.. वहीं कहता हूँ : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर दैनिक समाचार-पत्रों में प्रकाशित स्तरीय प्रवचनांशों का संकलन । पृष्ठ ४८,मूल्य २०/संबोधि के दीप : श्री चन्द्रप्रभ जीवन-निर्माण एवं अन्तर्यात्रा के सिलसिले में हर व्यक्ति के लिए उपयोगी पुस्तक। पृष्ठ ११२, मूल्य १२ - ज्योतिर्गमय : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर भीतर के घुप्प अंधकार को काटता एक प्रकाशवाही संकलन ।। __ पृष्ठ १०२, मूल्य १०/शिवोऽहम् : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर ध्यान की ऊँचाइयों को आत्मसात् करने के लिए एक तनाव-मुक्त स्वस्थ मार्गदर्शन। पृष्ट १०० , मूल्य १०/पर्युषण-प्रवचन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर पर्युषण-महापर्व के प्रवचनों को घर-घर पहुँचाने के लिए एक प्यारा प्रकाशन; पढ़ें कल्पसूत्र को अपनी भाषा में । पृष्ठ १२०, मूल्य १०/प्रेम और शांति : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर मन की शांति एवं सुख की उपलब्धि के लिए महावीर के सिद्धान्तों की नवीनतम प्रस्तुति। पृष्ठ ३२,मूल्य २/महक उठे जीवन-बदरीवन : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर व्यक्तित्व के निर्माण एवं समाज के विकास के लिए बुनियादी बातों का खुलासा । पृष्ठ ३२, मूल्य २/तीर्थ और मन्दिर : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर तीर्थ और मंदिर केवल श्रद्धास्थल हैं या कुछ और भी ? जानकारी के लिए पढ़िये यह पुस्तक । पृष्ठ ३२, मूल्य २/अमृत-सन्देश : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर सदगुरु श्री चन्द्रप्रभ के अमृत-संदेशों का सार-संकलन। पृष्ठ ५६.मूल्य ३/ - तुम मुक्त हो, अतिमुक्त : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर आत्म-क्रान्ति के अमृतसूत्र। पृष्ठ १०० मूल्य ७/ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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