Book Title: Antargruha me Pravesh
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 87
________________ अप्प दीवो भव: महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर जीवन, जगत और अध्यात्म के विभिन्न आयामों को उजागर करता चिन्तन- कोष । चलें, मन के पार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर सक्रिय एवं तनाव-रहित जीवन प्रशस्त करने वाला एक मनोवैज्ञानिक युगीन ग्रन्थ । पृष्ठ ३००, मूल्य ३०/ व्यक्तित्व विकास : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर हमारा व्यक्तित्व ही हमारी पहचान है, तथ्य को उजागर करने वाला एक मनोवैज्ञानिक प्रकाशन | पृष्ठ ११२, मूल्य १०/ ध्यानयोग : विधि और वचन : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर ध्यान-शिविर में दिये गये प्रवचनों, विधि प्रयोगों एवं अनुभवों का अमृत पृष्ठ १८०, मूल्य २०/ पृष्ठ ११२, मूल्य १५/ आकलन । संभावनाओं से साक्षात्कार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अस्तित्व की अनंत संभावनाओं से सीधा संवाद पृष्ठ ९२. मूल्य १०/ चेतना का विकास : श्री चन्द्रप्रभ साधकों के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक; ध्यान योग की हर बारीकी का मनोवैज्ञानिक दिग्दर्शन | पृष्ठ ११२, मूल्य १२/ आंगन में आकाश : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर तीस प्रवचनों का अनूठा आध्यात्मिक संकलन, जो आम आदमी को प्रबुद्ध करता है और जोड़ता है उसे अस्तित्व की सत्यता से । पृष्ठ २०० मूल्य २० /समय की चेतना : श्री चन्द्रप्रभ श्री चन्द्रप्रभ की नवीनतम पुस्तक समय की उपादेयता पर एक असाधारण पृष्ठ १४८, मूल्य १५/ प्रकाशन । मन में, मन के पार : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर मन की गुत्थियों को समझाने और सुलझाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रकाशन, दिशा - दर्शन 1 पृष्ठ ४८, मूल्य २/ प्रेम के वश में है भगवान महोपाध्याय ललितप्रभ सागर जिसे पढ़े विना मनुष्य का प्रेम अधूरा है । जित देखूं तित तू : महोपाध्याय चन्द्रप्रभ सागर अस्तित्व के प्रत्येक अणु में परमात्म-शक्ति को उपजाने का प्रयत्न । Jain Education International For Personal & Private Use Only पृष्ठ ४८. मूल्य ३/ पृष्ठ ३२, मूल्य २ www.jainelibrary.org

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