Book Title: Antagadadasao and Anuttarovavaidasao
Author(s): Madhusudan Modi
Publisher: Gurjar Granth Ratna Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 298
________________ 138 18. 10-11. अणंते अणुत्तरे [जाव] केवलवरनाणदंसणे । -See अभय on अंत P. 94. ओव० $115 अणंते अणुत्तरे निवाघाए निरावरणे कसिणे पडिपुण्णे केवलवरणाणदंसणे। 18. 11. सिद्धे [जाव ] प्पहीणे-ओव० $56 P. 54 mutatis mutandis सिद्धे बुद्धे मुते परिणिव्वुप सब्बदुक्खप्पहीणे. 18. 16-17. कल्लं पाउप्पभायाए [जाव] जलंते । - कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहापांडुरे पभाए रत्तासोगपगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धरागवंधुजीवगपारावयचलणनयणपरहुयसुरत्तलोयणजासुयणकुसुमजलियजलणतवणिज्जकलसहिंगुलयनिगररूवाइरंगरेहंतसस्सिरी ए दिवायरे अहाकमेण उदिए तस्स दिणकरकरपरंपरावयारपारद्धंमि अंधयारे बालातवकुंकुमेण खइयव्व जोवलोए लोयणविसआणुआसविगसन्तविसददंसियंमि लोए कमलागरसंडबोहए उढियंमि सूरे सहस्सरसिमि दिणयरे तेयसा जलंते । ____19. 1. जराजज्जरियदेहं जुण्णं etc. नाया० सु० १ . अज्झ. १. leaf 86 (b) जुण्णे जराजज्जरियदेहे आउरे झंझिए पिवासिए दुबले किलंते नसुइए मूढदिसाए...... 20. 7. आसुरुत्ते [५]-आसुरुत्ते रुहे कुविए चण्डिक्किए मिसिमिसीयमाणे। ____22. 5. भीए [४]-नाया० सु. १. अज्झ. leaf 86 (b) भीए तत्थे तसिए उव्विग्गे।

Loading...

Page Navigation
1 ... 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352