Book Title: Antagadadasao and Anuttarovavaidasao
Author(s): Madhusudan Modi
Publisher: Gurjar Granth Ratna Karyalay
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16. 7-10. एवं खलु देवाणुप्पिया ! माणुस्सया कामा खेलासवा etc. अभय० on अंत P. 92. नाया० सु० १ अज्झ० १ leaf 62 (2) एवं खलु अम्मयाओ ! माणुस्सया कामभोगा असुई असासया वंतासवा पितासवा खेलासवा सुक्कासवा सोणियासवा दुरुस्लासनीसासवा दुरूयमुत्तपुरिसप्यबहुपडिपुण्णा उच्चारपासवणखेलजल्लसिंधाणगवंतपित्तसुक्कसोणियसंभवा अधुवा अणितया असासया सडणपडणविद्धंसणधम्मा पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजहियव्वा । से के णं अम्मयाओ ! जाणंति के पुवि गमणाए के पच्छा गमणाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! [जाव] पव्वइत्तए !" ____16. 15. निक्खमणं जहा महाबलस्य [जाव] तमाणाए तहा [0] तहा [जाव] संजमइ । See. अभयदेव's Com. P. 93. The passage is given full. Otherwise see भगवती XI. 11. The story of महाबल.
____17. 7-8. इसिपञ्भारगएणं कारणं etc. See. अभय on अंत P. 10. 93-94 See. भगवती III. 2. leaf 171 (b) दोवि पाए साहट्ट वग्धारियपाणी एगपोग्गलनिविहुदिही अणिमिसनयणे इसिंपन्भारगएणं कारणं अहापणिहिएहिं गत्तेहिं सविदिएहिं गुत्तेहिं एगराइयं महापडिमं उवसंपजित्ताणं विहरामि । (The story of पूरण).
17. 17. अपत्थिय [जाव] परिवजिए। भगवती III. 2. leaf 172 (a) अपत्थियपत्थिए दुरंतपंतलक्खणे हीणपुण्णचाउद्दसे हिरिसिरिपरिवज्जिए ।
18. 4. उज्जला [जाव] दुरहियासा।-उज्जला विउला ककसा पगाढा चंडा दुक्खा दुरहियासा वेयणा ।
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