Book Title: Antagadadasao and Anuttarovavaidasao
Author(s): Madhusudan Modi
Publisher: Gurjar Granth Ratna Karyalay

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Page 300
________________ 140 सन्दगंधेहिं सव्वमल्लेहि सव्योसहिहि य सिद्धत्थएहि य सबिड्डीए सवजुईए सब्वबलेणं [जाव] दुंदुभिनिग्योसादियरवेणं महया महया गयाभिसेएणं अभिसिंचइ । नाया. १. १. leaf 67 (b). 32. 2. आलिते जाव] धम्ममाइक्खि ।-Set'. आय. on अंत P 97. नाया० १. १. leal 78 (5) आलिते णं भंले ! लोए, पलिते णं भंते ! लोए, आलित्तपलित्ते णं अंते ! लोए जरार मरणेण य । से जहानामए केइ गाहावई अगारंसि झियायमाणंसि जे तत्थ भंडे भवति अप्पभारे मोल्लगुरुए तं गहाय आयाए एगंतं अवकमइ ।-' एस मे णिन्थारिए समाणे पच्छा पुरा हियाए सुहाए खमाए णिस्सेसाए आणुगामियत्ताए भविस्लइ, एवामेव मम वि एगे आयाअंडे इहे कंते पिए मगुण्णे मणामे एल मे नित्थारिए समाणे संसारवोच्छेयकरे भविस्सइ । तं इच्छामि णं देवाणुप्पियाहिं सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं स्नेहाधियं सिक्खावियं सयमेव आयारगोयरविणयचेष्.इयचरणकरणजायामायाचत्तिय धम्ममाइक्खियं ॥ 32.6-7. पन्चाइए [जाव संजमियव्यं । -नाया० १.१. leaf 9+ (b) तए ण समणे भगवं महावीरे मेहं कुमारं सयमेव पव्वाइए [जाय] जायामायावतिय धम्मामाइक्खइ"एवं देवाणुप्पिया ! गंतव्यं, ए चिहियव्यं, एवं णिसोयव्वं, एवं तुयट्टियवं, एवं भुजियवं, एवं भासियव्यं, उठाय उठाय पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं संजमेणं संजमियव्वं ।" 32. 16. जस्सहाए कीरइ नग्गमावे [ जाव ] तमटुं आरोहेइ । See अभयदेव on अन्त० P. 17 where he has given full details. See ओव० $116.

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