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वीर सेवा मंदिर
अनेकान्त का त्रैमासिक प्रवर्तक : आ. जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
इस अंक में
वर्ष-58, किरण-1-20 कहाँ/क्या?
जनवरी-जून 2005 । अध्यात्म-पद
- कविवर धानतराय ।
सम्पादक: 2 सम्पादकीय 3 पाठकीय अभिमत
डॉ. जयकुमार जैन 4 क्या आगम का आधार किवदन्ती हो सकती है।
___429. पटेल नगर -पदमचन्द्र शास्त्री 8
मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) 5 समीधर कुन्दकुन्द
डॉ नदलाल जैन ।
फोन: (0131) 2603730 6. रलकरण्ड श्रावकाचार का समीक्षात्मक अनुशीलन
परामर्शदाता : -डों कमलेश कुमार जैन 161
पं. पद्मचन्द्र शास्त्री 7 आचार्य पूज्यपाद और उनका इष्टोपदेश -डॉ नरेन्द्र कुमार जेन 36 |
सस्था की 8 प्राचीन सस्कृत साहित्य में प्रतिबिम्बित राजधर्म
आजीवन सदस्यता सिद्धान्त एव व्यवहार
-डॉ मुकश बसल 45
1100/9 सल्लेखना पूर्वक समाधिमरण
वार्षिक शुल्क ___-प सनतकुमार, विनोदकुमार जैन 51
30/10 श्रावक साधना की सीटिया प्रतिमाएँ
-डॉ श्रेयामकुमार जेन ।।। इम अक का मूल्य 11 गागरोन की प्राचीन, अप्रकाशित जैन प्रतिमाये
10/
-ललित शर्मा 72 सदस्यो व मदिरो के 12. भगवान महावीर और परिग्रह परिमाण व्रत
लिए नि शुल्क
-डॉ मुरेन्द्रकुमार जैन 75 | 13 आगम की कसौटी पर प्रेमी जी -डॉ श्रेयासकमार जैन 87
प्रकाशक: 14 पचास वर्ष पूर्व
भारतभूषण जैन, एडवोकट भारतीय इतिहास का जैन युग -डॉ ज्योतिप्रमाद जेन 98 15 पुस्तक समीक्षा
-जमनालाल जैन 120
मुद्रक . 16. आदर्श सम्पादक श्री अजित प्रसाद सजीव 'ललित' 121
मास्टर प्रिटर्स, दिल्ली-32
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विशेष सूचना : विद्वान् लेखक अपने विचारो के लिए स्वतन्त्र है। यह आवश्यक नहीं कि सम्पादक उनके विचारो से सहमत हो।
वीर सेवा मंदिर
(जैन दर्शन शोध सस्थान) 21, दरियागज, नई दिल्ली -110002, दूरभाष : 23250522 सस्था को दी गई सहायता राशि पर धारा 80-जी के अतर्गत आयकर मे छूट
(रजि आर 10591/62)