Book Title: Anekant 1943 Book 05 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 453
________________ ४२२ अनेकान्त [वर्ष५ --- -. १७३५) सहायकोंसे प्राप्त प्रथम-द्वितीय-तृतीय मार्गद्वारा- ११६)। श्रीवास्तवप्रेस सहारनपुरको दियेबाबत छपाई १३५०) प्रथम मार्गसे, जिसमें १०५०) चतुर्थ वर्ष बँधाई, मय छपाई रैपसं, चिट्ठी, कार्ड लिफाफे, में और ३००) रु० पंचम वर्षमें प्राप्त हुए। पते प्रादिके, पंचमवर्षकी ११वीं किरण तक३८१) द्वितीय और तृतीय मार्गसे (२२१+१५६) १०२६)छपाई अनेकान्त मयटाइटिल व चित्रोंके। जिसमें १७८) चतुर्थ वर्षमें और २०७) १३६%) बधाई अनेकान्त । पंचम वर्षमें प्राप्त हुए। ३३)। छपाई रैपर्स श्रादि मय २) बनवाई लिफाफोंके व-) टिकट रसीदके लिए। २८४) अनेकान्तकी फाइलों तथा फुटकर किरणोंकी विक्री ११६५) से प्राप्त, जिसमें १०४) पोष्टेज श्रादिके भी ११४) मुरारी फाइन आर्ट प्रेस देहलीको दिये ब्लाक्स शामिल हैं: की बनवाई और पाँच किरणोंके बाहरी टाईटिल १११) चतुर्थवर्षमें २८ फर्वरी १६४२ तक । पेजोंकी छपाईके, मय पेपर पैकिंगादि चार्ज के। २७२-) पंचम वर्षमें ३० जून १९४३ तक। २०) धूमीमल धर्मदास कागजी देहलीको दिये दो २८४०) किरणों के बाहरी टाइटिल पेजोंकी छपाई बाबत ७) विज्ञापनोंसे प्राप्त, जिसमें ५६॥) चतुर्थ वर्षकी बाबत मय पेपर व पैकिंगादि चार्जके। और १९) पंचम वर्षकी बाबत हैं। २५१-)॥ डिजाइनों तथा ब्लाक्सकी बनवाई में दिये२०) रद्दीकी विक्रीसे प्राप्त। १२) आशाराम शुक्ला डिजाइनर को। ॥ पोष्टेजकी बाबत बाहरसे प्राप्त, उस पोष्टेजके अतिरिक्त ११||-) राज ब्लाक वर्क्स देहलीगे। जो ग्राहकोंसे वी० पी० श्रादिके साथ वसूल हुये 10)|| एम. मुमताज, सहारनपुरको । पोष्टेजमें शामिल है, और जो प्रायः टिकटोंके रूपमें २५१-॥ पत्र व्यवहार के लिए प्राप्त हुआ। - १२) जवाहर प्रिंटिंग वर्क्स कलकत्ताको दिये मार्फत बाबू ४१२१18) छोटेलालजीके, 'ग्रीष्मपरीषहजय' चित्रकी छपाई श्रादिमें ८७|1)|| कागज खाते जमा इस प्रकार : २३) महसूल रेलवे पासलोमें, मय मजदूरी, चंगी,डैमरेज २४||1)| कागजकी विक्रीस श्राप । व तांगा आदि खर्चके। ६२|| कागज स्टाकमे मौजूद । ||1)| महसूल बैरंग पत्रादिक । २७४७) स्टेशनरी खाते खर्च । |||-) पोष्टेज खाते जमा, जो ३० जून सन् १९४३ को १२६)।। सफर खर्च, प्रेस श्रादिको जाने मानेमें । खर्च होने से ब.की रहा। ५२६-) वेतनमें दिये इस प्रकार: २०४) पं० शंकरलालको मास २० दिनके । ८६) १२॥a)|| बा० मूलचन्दको १६ दिनके । ४२१०-)|| १०६) पं० परमानन्दको ३ मासकी बाबत । १०३०) पं. रविचन्दको, १२ मास २१ दिनके ता० २१ दिसम्बर १९४२ तक। ५२६-) (शेष अगले पृष्टके दूसरे कालम पर)

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