Book Title: Amiras Dhara
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 85
________________ श्रेष्ठतम साहित्य कों अधिकतम पाठकों तक पहुँचाने की दिशा में अभिनव अभियान दुर्लभ पुस्तकें : सबकी पहुँच में; देशभर के विद्वानों एवं पत्र-पत्रिकाओं द्वारा प्रशंसित; लेखक और पाठक के बीच सीधा संवाद सम्पूर्ण सामग्री; सुविधाजनक आकार मूल्य आधे से भी कम । प्राकृत- सूक्ति-कोशः महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर प्राकृत-सूक्तियों का एक अद्वितीय विश्वकोश, जिसमें प्राकृत सूक्तों के साथ हिन्दी अनुवाद भी है, और है शोधकर्ताओं के लिए सन्दर्भ-कोश भी । पृष्ठ 312. 25/ 5 बिम्ब प्रतिबिम्ब: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर जीवन के उधेड़बुन को प्रस्तुत करने वाली एक सशक्त प्रौढ़ काव्य-कृति । पृष्ठ 84 5 षड्दर्शन- समुच्चयः आचार्य हरिभद्रसूरि भारत के प्रमुख छह दर्शनों का संक्षिप्त व सरल हिन्दी विवेचन के साथ नवीन प्रस्तुतीकरण । साथ ही सरलार्थ सहित पारिभाषिक शब्द-कोश एवं षड्दर्शनों का हिन्दी में काव्यबद्ध परिशिष्ट । 61 . 5 महोपाध्याय समयसुन्दरः व्यक्तित्व एवं कृतित्व: मुनि चन्द्रप्रभसागर आठ अक्षरों के दस लाख से अधिक अर्थ करने वाले विश्वस्तरीय विद्वान् समयसुन्दर के समूचे जीवन-परिवेश एवं साहित्य को गहराइयों से प्रस्तुत करने वाला विशाल शोध-प्रबन्ध | पृष्ठ 508. 40/उत्तमः मुनि ललितप्रभसागर उत्तमकुमार के साहसी व्यक्तित्व को उजागर करनेवाली एक पौराणिक कथा । पृष्ठ 68 71 5 विचार और व्यवहार : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर नैतिकता का पथ प्रदर्शित करने वाला अनूठा जीवनोपयोगी दोहा शतक 1 48 # अतिमुक्तः गणेश ललवानी आगम-साहित्य से सीधे उठाए गए जाने-पहचाने पात्र, पर कथा-शिल्प अनूठा गौरवपूर्ण | पृष्ठ 118 81 5 श्रावकाचारः महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर आगमों और शास्त्रों पर आधारित श्रावक के आचार-व्यवहार को बतानेवाली एक श्रेष्ठ पुस्तिका, जो श्रावकीथ आवश्यकताओं को पूरा करती है | पृष्ठ 60 4/ 31 Jain Education International सम्पर्क करें: श्रीजितयशाश्री फाउंडेशन 9 सी, एस्प्लनेड ईस्ट कलकत्ता 69 5 चन्द्रप्रभ की कहानियाँ: मुनि ललितप्रभसागर हिन्दी के बहुचर्चित स्तम्भ चन्द्रप्रभजी की छह अति लोकप्रिय कहानियों का अपूर्व संग्रह | आधुनिक जीवन से समन्वित प्राचीन भारतीय जीवन का जीवन्त चित्रण । 71 4/: उक्त सभी पुस्तकों का सेट मँगाने पर 7 अन्य पुस्तकों का विशिष्ट उपहार रजिस्ट्री चार्ज़ एक पुस्तक पर 6/-, सम्पूर्ण सेट पर 15/ 'www.jainelibrary.org

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