Book Title: Amarsenchariu
Author(s): Manikkraj Pandit, Kasturchandra Jain
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 294
________________ दियवर देवदत्त देवलदे देवश्री देवसेन सविस धणउ धणदत्त कर धुत पविसेणु पहावइ पाक्खि पासणाहु पुण्डरिउ पुष्कर पोमदि पोयणपुर भरह भरखित्तु भूसणु मगह मग वाणि मणिरोहर मणिसंचयपुरि मोहरी मणमंजू सा महगा महावीर मागही माणिकराजु माल्हाही Jain Education International परिशिष्ट - २ बनारस का राजा द्विजवर | गजपुर का राजा देवदत्त । राजा अरिमर्दन की रानी । गजपुर के राजा देवदत्त की रानी । एक भट्टारक । केवली देशभूषण । धनद नाम का वणिक । एक ग्वाल | सेठ अभयंकर का कर्मचारी । देवपुर का राजा । रत्नसंचयपुर के राजा वज्रसेन का अपर नाम । श्रुतिकीत्ति पुरोहित की पुत्री - प्रभावती । राजा परीक्षित । पार्श्वनाथ ( तीर्थंकर ) | पुण्डरीक-नाग | सेठ अभयंकर का कर्मचारी । ग्रन्थकर्त्ता माणिक्कराज के गुरु पद्मनन्दि । पोदनपुर । रामका भाई भरत । भरतक्षेत्र । धनद का पुत्र भूषण । मगध देश | मगध देश की बोली- अर्द्धमागधी भाषा । रत्नशेखर का अपर नाम - मणिशेखर । रत्नसंचयपुर का अपर नाम । चन्द्रोदय की जननी - मनोहरी । एक कन्या - मदनमंजूषा | करमचन्द्र का पुत्र । चौबीसवें तीर्थंकर महावीर । मागधी वेश्या । अमरसेनचरिउ ग्रन्थ का कर्ता । चौधरी चीमा की पत्नी । For Private & Personal Use Only २८१ ३।११ २२/१२ १।१३।३ २२ १२ ५/१५/४ खराट ७|४|११ ७|८|३ १|१३|८ ३।५।१७ ६।६।४ ६८८ ३।८।२-३ १।६।१२ ३।१० १।१३।८ ११२।१२ ७/५/९ ७१।३ १९३ ७४।१२ १|९|४ १११०१४ ६/६/५ ६।६।४ ७।३।३-४ ६।७।३-४ ११४/१५ ११९।२२ ४।४।२ १।६।५ १।४।५-६ www.jainelibrary.org

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