Book Title: Ahimsa aur Samajik Parivartan Adhunik Sandarbh
Author(s): Kalyanmal Lodha
Publisher: Z_Kusumvati_Sadhvi_Abhinandan_Granth_012032.pdf

View full book text
Previous | Next

Page 9
________________ % D जीवन के साथ जोड़ना है। अहिंसक समाज का जिक परिवर्तन के लिए सूक्ष्म और महत् अहिंसा 7 अर्थ है प्रेम, करुणा और मित्रता का समाज / इसी व्यक्ति और समाज दोनों के लिए अनिवार्य हैसे आज के संघर्ष में अहिंसा के धार्मिक मूल्य के वही केवल मात्र साधन है। आणविक युद्ध के न साथ सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और होने पर भी, पृथ्वी मौन भाव से हमारी जीवन मानवीय मूल्य एवं अर्थवत्ता भी नितान्त आवश्यक कृत प्रक्रिया के कारण नष्ट हो रही है, उसे यदि है, यदि यह नहीं होता है तो पृथ्वी पर जीवन के बचाना है तो उसमें आमूल परिवर्तन करना अति नाश के चिह्न स्पष्ट है / महावीर को विचार क्रांति आवश्यक और अनिवार्य और यह अहिंसा को अपही हमारे आचार का आश्रय है, सम्बल है / सामा- रिमेय व्यक्ति से ही सम्भव है। HAMAKER BY.PHY AdA IFAON 6 - --- ----सन्दर्भ स्थ ल - - - - - ---6 Carles Ronmolo : Truth and Non-Voilence (UNESCO-SYMPOSIUM) RC. Wright Mill : The Causes of World War Three, 1950 3 P. Sorokin : The Reconstruction of Humanity. 8 Eihustin : Interview, July, 1955 5T. Unnithan Yogendra Singh : Sociology of Non-Voilence. 6 J. S. Mathur P.C. Sharma : Non-Voilence and S.cial Change g Unto Tahzinen : Ahinsa 5 Kausleya Walli : Ahinsa in Indian Thought. S. Radhakrishnan : Religion and Society 10 P. Sorokin : Social and Cultural Dynamics 11 Eric Berne : A Layman's Guide to Psychiatry and Psychoanalysis 12 वी. एन. सिन्हा गुणवंतशाह : जैन धर्म में अहिंसा / महामानव महावीर 13 युवाचार्य महाप्रज्ञ : महावीर की साधना का रहस्य 14 मुनि नथमल : अहिंसा तत्व दर्शन 15 बेचरदास शास्त्री : महावीर वाणी 16 E. Hytton : Non-Voilence and Developmental Work 17 Alduous Muxley : Ends and Means 18 Edward Wilson : Sociobiology 19 M. Francis Abraham : Sociob ology : Modern Social Theory 20 सर्व सेवाश्रम प्रकाशन : समता सूत्र 21 श्रीचन्द रामपुरिया : महावीर वाणी 22 निर्मल कुमार : भगवान महावीर 23 डा. भागचन्द शास्त्री : जैनदर्शन व संस्कृति का इतिहास 24 मुनि अमोलक ऋषि : जैन धर्म व दर्शन 25 गुणवन्त शाह : महामानव महावीर विभिन्न जैनागम, यंग इण्डिया, अमेरिकन रिव्यू आदि पत्रिकाएँ / 351 चतुर्थ खण्ड : जैन संस्कृति के विविध आयाम 60 साध्वीरत्न कुसुमवती अभिनन्दन ग्रन्थG620 9 . Jalliducation International Por Private & Personal Use Only www.ja berary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9