Book Title: Agam 41 Mool 02 Ogh Niryukti Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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(४३) उत्तरउज्झयणं (चउत्थं मूलसुत्तं) अ. ३६
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पडुच्च सादीया सपज्जवसिया वि य ॥१२॥ १४६५. असंखकालमुक्कोसा एवं समयं जहन्निया । अजीवाण य रूवीणं ठिती एसा वियाहिया ॥१३॥ १४६६. अणंतकालमुक्कोसं एवं समयं जहन्नयं । अजीवाण य रूवीणं अंतरेयं वियाहियं ।।१४।। १४६७. वण्णओ गंधओ चेव रसओ फासओ तहा । संठाणओ य विन्नेओम परिणामो तेसि पंचहा ॥१५॥ १४६८. वण्णओ परिणया जे उपंचहा ते पकित्तिया। किण्हा नीला य लोहिया हालिद्दा सुक्किला तहा॥१६।। १४६९. गंधओ परिणया जे उ दुविहा ते वियाहिया। सुब्भिगंधपरिणामा दुब्भिगंधा तहेव य॥१७॥ १४७०. रसओ परिणया जे उपंचहा ते पकित्तिया । तित्त-कडुय-कसाया अंबिला महुरा तहा ।।१८।। १४७१. फासओ परिणया जे उ अट्ठहा ते पकित्तिया। कक्खडा मउया चेव गरुया लहुया तहा ।।१९।। १४७२. सीया उण्हा य निद्धा य तहा लुक्खा य
आहिया । इइ फासपरिणया एए पुग्गला समुदाहिया ||२०|| १४७३. संठाणपरिणया जे उ पंचहा ते पकित्तिया । परिमंडला य वट्टा तंसा चउरंसमायया ॥२१॥ १४७४. वण्णओ जे भवे किण्हे भइए से उगंधओ । रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥२२॥ १४७५. वण्णओ जे भवे नीले भइए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ विय॥२३॥ १४७६. वण्णओलोहिए जे उभइए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य॥२४|| १४७७. वण्णओ पीयए जे उ भइए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ विय॥२५॥ १४७८. वण्णओ सुक्किले जे उभइए से उगंधओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥२६॥ १४७९. गंधओ जे भवे सुब्मी भइए से उ वण्णओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥२७॥ १४८०. गंधओ जे भवे दुब्भी भइए से उ वण्णओ। रसओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य॥२८|| १४८१. रसओ तित्तए जे उ भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥२४॥ १४८२. रसओ कडुए जे उभइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव भइए संठाणओ विय॥३०॥ १४८३. रसओ कसाए जे उ भइए से उवण्णओ। गंधओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य॥३१॥ १४८४. रसओ अंबिले जे उ भइए से उ वण्णओ। गंधओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य॥३२॥ १४८५. रसओ महुरए जे उ भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेव भइए संठाणओ वि य ।।३३।। १४८६. फासओ कक्खडे जे उ भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ विय॥३४॥ १४८७. फासओ मउए जे उभइए सेउवण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ विय॥३५॥ १४८८. फासओ गरुएजे उ भइए सेउवण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥३६|| १४८९. फासओ लहुए जे उ भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥३७|| १४९०. फासओ सीयए जे उ भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥३८॥ १४९१. फासओ उण्हए जे उभइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य॥३९॥ १४९२. फासओ निद्धए जे उ भइए से उवण्णओ । गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य॥४०|| १४९३. फासओ लुक्खए जे उ भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव भइए संठाणओ वि य ॥४१॥ १४९४. परिमंडलसंठाणे भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव भइए फासओ वि य ॥४२॥ १४९५. संठाणओ भवे वट्टे भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए फासओ वि य॥४३॥ १४९६. संठाणओ भवे तंसे भइए से उवण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए फासओ वि य॥४४|| १४९७. संठाणओ य चउरंसे भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए फासओ वि य॥४५॥ १४९८. जे आययसंठाणे भइए से उ वण्णओ। गंधओ रसओ चेव भइए फासओ वि य॥४६॥ १४९९. एसा अजीवविभत्ती समासेण वियाहिया । एत्तो जीवविभत्तिं वोच्छामि अणुपुव्वसो॥४७|| १५००. संसारत्था य सिद्धा य दुविहा जीवा वियाहिया। सिद्धाणेगविहा वूत्ता तं मे कित्तयओ सुण ॥४८॥१५०१. इत्थी-पुरिससिद्धा य तहेव य नपुंसगा। सलिंगे अन्नलिंगे य गिहिलिंगे तहेव य ||४९।। १५०२. उक्कोसोगाहणाए य जहन्न-मज्झिमाए य । उहुं अहे य तिरियं च समुद्दम्मि जलम्मि य ॥५०॥ १५०३. दस य नपुंसएसुं वीसतिं इत्थियासु य । पुरिसेसुथ अट्ठसयं समएणेगेण सिज्झई॥५१||१५०४. चत्तारि य गिहिलिंगे अन्नलिगें दसेव य । सलिंगेण य अट्ठसयं समएणेगेण । सिज्झई ॥५२॥ १५०५. उक्कोसोगाहणाए उ सिज्झंते जुगवं दुवे । चत्तारि जहन्नाए जवमज्झऽद्रुत्तरं सयं ||५३|| १५०६. चउरुड्ढलोगे य दुवे समुद्दे तओ जले
वीसमहे तहेव । सयं च अद्वत्तरं तिरियलोए समएणेगेण उ सिज्झई धुवं ।।५४।। १५०७. कहिं पडिहया सिद्धा ? कहिं सिद्धा पइट्ठिया ? । कहिं बोदिं चइत्ताणं कत्थ। Hero5555555555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - १६८०5555555555555555555555555GO
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