Book Title: Agam 41 Mool 02 Ogh Niryukti Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Author(s): Gunsagarsuri
Publisher: Jina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
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________________ NOR945555555555555 (43) उत्तरऽज्झयणं (चउत्थं मूलमुत्त) अ. 36 46] 55555555555; FONOR MOSC玩乐乐乐乐乐乐乐明明明明明明明明乐乐乐乐乐乐 乐乐乐听听听听听听听 听听听听听听听听乐乐玩玩乐乐乐格 लंतगम्मि, जहन्नेणं दस ऊ सागरोवमा / / 227 / / 1680. सत्तरस सागराई उक्कोसेण ठिती भवे / महासुक्के, जहन्नेणं चोद्दस सागरोवमा / / 228 / / 1681. अट्ठारस सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे / सहस्सारे, जहन्नेणं सत्तरस सागरोवमा / / 229 / / 1682. सागरा अऊणवीसं तु उक्कोसेण ठिती भवे / आणयम्मि, जहन्नेणं अट्ठारस सागरोवमा / / 230 // 1683. वीसं तु सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे / पाणयम्मि, जहन्नेणं सागरा अउणवीसई॥२३१।। 1684. सागरा एक्कवीसं तु उक्कोसेण ठिई भवे / आरणम्मि, जहन्नेणं वीसइं सागरोवमा / / 232 / / 1685. बावीस सागराई उक्कोसेण ठिती भवे / अच्चुयम्मि, जहन्नेणं सागरा एक्कवीसइं // 233|| 1686. तेवीस सागराइं उक्कोसेण ठिई भवे / पढमम्मि, जहन्नेणं बावीसं सागरोवंमा ||234|| 1687. चउवीस सागराइं उक्कोसेण ठिई भवे / बिइयम्मि, जहन्नेणं तेवीसं म सागरोवमा / / 235 / / 1688. पणवीस सागराई उक्कोसेण ठिई भवे / तइयम्मि, जहन्नेणं चउवीसं सागरोवमा // 236|| 1689. छव्वीस सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे | चउत्थम्मि, जहन्नेणं सागरा पणुवीसई / / 237 / / 1690. सागरा सत्तवीसं तु उक्कोसेण ठिती भवे / पंचमम्मि, जहन्नेणं सागरा उ छवीसई // 238 / / 1691. सागरा अट्ठावीसं तु उक्कोसेण ठिती भवे / छट्ठम्मि, जहन्नेणं सागरा सत्तवीसइं / / 239|| 1692. सागरा अउणतीसं तु उक्कोसेण ठिती भवे / सत्तमम्मि, जहण्णेणं सागरा अट्ठवीसइं॥२४०|| 1693. तीसं तु सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे / अट्ठमम्मि, जहन्नेणं सागरा अउणतीसई / / 241 / / 1694. सागरा एक्कतीसं तु उक्कोसेण ठिती भवे / नवमम्मि, जहन्नेणं तीसई सागरोवमा // 242 / / 1695. तित्तीस सागराइं उक्कोसेण ठिती भवे / चउसुं पि विजयाईसुं जहन्नेणं एगतीसई / / 243 / / 1696. अजहन्नमणुक्कोसा तित्तीसं सागरोवमा / महाविमाणसव्वढे ठिती एसा वियाहिया ||244 / / 1697. जा चेव य आउठिई देवाणं तु वियाहिया / सा तेसिं कायठिई जहन्नमुक्कोसिया भवे / / 245 / / 1698. अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहत्तं जहन्नयं / विजढमि सए काए देवाणं होज्जं अंतरं / / 246 / / 1699. एएसिवण्णओ चेव गंधओ रस-फासओ। संठाणादेसओ वा वि विहाणाइं सहस्ससो॥२४७॥ 1700. संसारत्था य सिद्धाय इति जीवा वियाहिया। रूविणो चेवऽरूवी य अजीवा है दुविहा वि य // 248 // 1701. इति जीवमजीवे य सोच्चा सद्दहिऊण य / सव्वनयाणं अणुमए रमेज्जा संजमे मुणी // 249 / / 1702. तओ बहूणि वासाणि सामण्णमणुपालिया। इमेण कमजोएणं अप्पाणं संलिहे मुणी॥२५०।। 1703. बारसेव उ वासाइं संलेहुक्कोसिया भवे / संवच्छर मज्झिमिया छम्मासे य जहन्निया // 251 / / 1704. पढमे वासचउक्कम्मि विगईनिजूहणं करे। बितिए वासचउक्कम्मि विचित्तं तु तवं चरे॥२५२।। 1705. एगंतरमायाम कट्ट संवच्छरे दुवे / तओ संवच्छरऽद्धं तु नाऽइविगि8 तवं चरे // 253 / / 1706. तओ संवच्छरऽद्धं तु विगिढं तु तवं चरे / परिमियं चेव आयामं तम्मि संवच्छरे करे // 254 / / 1707. कोडीसहियमायाम कट्ट संवच्छरे मुणी। मासऽद्धमासिएणं आहारेणं तवं चरे // 255 / / 1708. कंदप्पमाभिओगं किब्बिसियं मोहमासुरुत्तं च / एयाओ दोग्गईओ मरणम्मि विराहिया होति / / 256 / / 1709. मिच्छादसणरंता सनियाणा हु हिंसगा। इय जे मरंति जीवा तेसिं पुण दुल्लहा बोही // 257 / / 1710. सम्मइंसणरत्ता // अनियाणा सुक्कलेसमोगाढा। इय जे मरंति जीवा सुलभा तेसिं भवे बोही // 258 / / 1711. मिच्छाइंसणरत्ता सनियाणा किण्हलेसमोगाढा / इय जे मरंति जीवा तेसिं पुण दुल्लहा बोही // 259 / / 1712. जिणवयणे अणुरत्ता जिणवयणं जे करेति भारेणं / अमला असंकिलिट्ठा ते होति परित्तसंसारी // 260 / / 1713. बालमरणाणि बहुसो अकाममरणाणि चेव य बहूणि / मरिहिति ते वराया जिणवयणं जे न याणंति / / 261|| 1714. बहुआगमविन्नाणा समाहिउप्पायगा य गुणगाही / एएण कारणेणं अरिहा आलोयणं सोउं / / 262|| 1715. कंदप्प-कोक्याइं तहसील-सहाव-हसण-विकहाहिं / विम्हावितो य परं कंदप्प भावणं कुणइ // 263 / / 1716. मंताजोगं काउं भुईकम्मं च जे पउंजंति / साय-रस-इविहेउं अभिओगं भावणं कुणइ ||264 / / 1717. नाणस्स केवलीणं धम्मायरियस्स संघ-साहूणं / माई अवण्णवाई किब्बिसियं भावणं कुणइ // 265 // 1718. अणुबद्धरोसपसरो तह य निमित्तम्मि होइ पडिसेवी / एएहिं कारणेहिं आसुरियं भावणं कुणइ / / 266 / / 1719. सत्थग्गहणं विसभक्खणं च जलणं च जलपवेसो य / अणायारभंडसेवा जम्मण-मरणाणि बंधंति // 267 / / 1720. इति पादुकरे बुद्धे नायए परिनिव्वुए। छत्तीसं उत्तरउज्झाए भवसिद्धियसम्मए॥२६८॥ त्ति बेमि।।।।जीवाजीवविभत्ती॥३६॥ मा उत्तरज्झयणसुयक्खंधो समत्तोम उत्तरज्झयणाणि समत्ताणिक Moo 5 555 5555555555 श्री आगमगुणमंजूषा 1685 $$$$$$$$$$$$$$$$$ $Fort OFF乐明听听听听听听听听明明听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听C
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