Book Title: Agam 40 Mool 01 Aavashyak Sutra Part 02
Author(s): Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
Publisher: Rushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ चतुर्विध- तिस्तव घूर्णी ॥१३॥ 4 % मंतादी सिमंति, एवं अन्यादि । आह-जदि एवं तो वरं तित्थगरत्यति चेव करेमो, किं एवट्टाए खडफडाए, किंच-पुणोविले तपासपमा II घोगः एतप्पभाषण बोधि लभिस्सामो. अण्णं परेशागो, हराणि उपनामो, किल एत्थ मण्णति-लद्वेल्लियं १०॥११०९॥ एत्य लहिऊणं बोहिं जं कानवं तं जदिन काथिसि तदा पुण किर बोषिं लभेत्ता किं करिस्ससित्ति, ता सं दच्छिसि जहत विम्हलो, इमं च चुक्किहिसि, दच्छिसिान द्रश्यास, विम्हलात्ति हे विन्मला, इमाओवि बाधिओ चुक्किाहसि, अण्णाओकि, तो परितिणिहिसि, जथा सो जंबुओ मंसपेमि जहितूण मच्छ पत्थंतो इमं च अण्णं च चुस्को, अयमभिप्रायः-यदुत ण केवलाओ तिस्थगररघुतीओ आरोग्गादीणि भनि, किं तु एसावि णिमित्तं आरोग्गादीण, तुम पुण बोहि लहितूण असदालंबणेहि पमायंतो इमाओ घुक्किहिसि, पमादरच्चइणहि य मेहिं पुणो शघि दुल्लमा चोल्लगादीहि दिट्ठनेहि, अनो अण्णं च चुक्किाहमिति । किं च-दह उत्थिटाणुट्ठाणपवित्तीए सुभकम्मोदएणं अण्णा बोधी निव्वत्तिज्जनि, जथा अन्येण अत्थो बज्मति, तुमं पुण इमं पमार्यतो अण्णं कतरेण मोल्लेण लम्मिसि', लभिहिसीत्यर्थः, स्याद् बुद्धि :-तित्थगररथुनीए , तण्ण , जतो अम्हेहिं पुन मणितं जया न केवलाए तित्थगरत्युनीए एताणि लम्भति, किंतु नवसंजमुज्जमेण, एत्थ य उज्जतेण सन्चस्थ कतं भवति चेव , मणितं च भट्टारएहिं-चतिय कुलगणमंघेना११-६०१११२॥ नदो १२, मंजमो १, एत्य उज्जमितव्वं, तेसिं वयणे ठितेण तवमंजममुज्जर्मतेण तेसिं मत्ती कता भवनि, न इतरेण इति । चंदेहिं निम्मलनरा० ॥ ७॥ चंदादिच्चे हितो कहमाधितं पगासंति !, चंदानि-1 तिचाणं उमं अधेय तिरिय च परिमिनं खत्तं पगासणे, केवलियनाणलंभो लोगमलोग पगासेति । सागरबरो-मयंभुरमणो, ततोवि | गमीरतरा, ण तीरंति परीमहोवसग्गादीहिं खोभेतुं । एवंगुणा ने भगवंतो सिद्धिं गता, मे मिद्धा सिद्धिं दिसंतु, एवं तेसि मह

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 328