Book Title: Agam 19 Upang 08 Niryavalika Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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१३० ]
[महाबल
एगावलिप्पवराओ, एवं अट्ठ सिरीओ, अट्ठ खोमजुयलाई खोमजुयलप्पवराई एवं वडगजुयलाइं, एवं पट्टजुयलाइं, एवं दुगुल्लजुयलाइं, अट्ठ सिरीओ, अट्ठ हिराओ, एवं धिराओ, कित्तीओ, बुद्धीओ, लच्छीओ, अट्ठ नन्दाइं, अट्ठ भद्दाइं, अट्ठ तले तलप्पवरे, सव्वरयणामाए, णियगवरभवणकेऊ, अट्ठ झए झयप्पवरे, अट्ठ वए वयप्पवरे, दसगोसाहस्सिएणं वएणं, अट्ठ नाडगाई, नाडगप्पवराई बत्तीसबद्धेणं नाडएणं, अट्ठ आसे आसप्पवरे, सव्वरयणामए सिरिधरपडिरूवए, अठ्ठ हत्थी हत्थिप्पवरे, सव्वरयणामए सिरिघरपडिरूवए, अट्ठ जाणाई जाणप्पवराई, अट्ठ जुगाई जुगप्पवराई एवं सिवियाओ, एवं सन्दमाणीओ, एवं गिल्लीओ, थिल्लीओ, अट्ठ वियडजाणाई वियडजाणप्पवराई, अट्ठ रहे पारिजाणिए, अट्ठ रहे संगामिए, अट्ठ आसे आसप्पवरे, अठ्ठ हत्थी हप्थिप्पवरे, अट्ठ गामे गामप्पवरे, दसकुलसहिस्सिएणं गामेणं, अट्ठ दासे दासप्पवरे, एवं चेव दासीओ, एवं किङ्करे एवं कञ्चुइजे, एवं वरिसधरे, एवं महत्तरए, अट्ठ सोवण्णिए ओलम्बणदीवे, अट्ठ रुप्पामए ओलम्बणदीवे, अट्ठ सुवण्णरुप्पामए ओलम्बणदीवे, अट्ठ सोवण्णिअ उक्कञ्चणदीवे, अट्ठ पञ्जरदीवे, एवं चेव तिणि वि, अट्ठ सोवण्णिए थाले, रुप्पामए थाले, अट्ठ सुवण्णरुप्पमए थाले, अट्ठ सोवणियाओ पत्तीओ ३, अट्ठ सोवण्णियाई थासयाई ३, अट्ट सोवणियाई मल्लागाइं ३, अट्ठ सोवणियाओ तालियाओ ३, अट्ट सोवण्णियाओ कावइआओ ३, अट्ठ सोवण्णिए अवएडए ३, अट्ठ सोवणियाओ अवयक्काओ ३, अट्ठ सोवण्णिए पायपीढए ३, अट्ठ सोवणियाओ भिसियाओ ३, अट्ठ सोवणियाओ करोडियाओ ३, अट्ठ सोवण्णिए पल्लंके ३, अट्ट सोवण्णियाओ पडिसेजाओ ३, अट्ट हंसासणाई कोञ्चासणाई, एवं अट्ठ गरुलासणाइं, उन्नयासणाइं, पणयासणाई, दीहासणाई, भद्दासणाई, पक्खासणाइं, मगरासणाई, अट्ठ पउमासणाई, अट्ठ दिसासोवत्थियासणाई, अट्ठ तेल्लसमुग्गे, जहा रायप्पसेणइज्जे, जाव अट्ठ सरिसवसमुग्गे, अट्ठ खुजाओ, जहा उववाइए, जाव अट्ठ पारिसीओ, अट्ठ छत्ते, अट्ठ छत्तधारीओ चेडीओ, अट्ठ चामराओ अट्ठ चामराओ, अट्ठ चामरधारीओ चेडीओ, अट्ठ तालियण्टे, अट्ठ तालियण्टधारिओ चेडीओ, अट्ठ करोडियाधारीओ चेडीओ, अट्ठ खीरधाईओ, जाव अट्ठ अङ्कधाईओ, अट्ठ अङ्गमद्दियाओ, अट्ठ पहावियाओ, अट्ठ पसाहियाओ, अट्ठ वण्णगपेसीओ, अट्ठ चुण्णगपेसीओ, अट्ठ कोट्ठागारीओ, अट्ठ दवकारीओ, अट्ठ उवत्थाणियाओ, अट्ठ नाडइजाओ, अट्ठ कोडुम्बिणीओ, अट्ठ महाणसिणीओ, अट्ठ भाण्डागारिणीओ, अट्ठ अज्झाधारिणीओ, अट्ठ पुष्फधारिणीओ, अट्ठ वाहिरियाओ पडिहारिओ, अट्ठ मालाकारीओ, अट्ठ पेसणकारीओ अन्नं वा सुबहुं हिरण्णं वा कंसं वा दूसं वा विउलधणकणग जाव सन्तसारसावएजं, अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएगें।
तए णं से महब्बले कुमारे एगमेगाए भजाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयइ, एगमेगं मउडं मउडप्पवरं दलयइ, एवं तं चेव सव्वं जाव एगमेगं पेसणकारि दलयइ, अन्नं वा सुबहुं हिरण्णं वा जाव परिभाएगें।
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