Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 8
________________ प्रश्नव्याकरण सुतं अण्णेहि य एवमाइएहिं बहूहिं कारणसएहिं अबुहा इह हिंसंति तसे पाणे । इमेय-एगिंदिए बहवे वराण तसे य अण्णे तयस्सिए चेव तणुसरीरे समारंभंति । अत्ताणे, असरणे, अणाहे, अबंधवे, कम्मणिगडबद्धे, अकुसलपरिणाममंदबुद्धिजण दुव्विजाणए, पुढविमए, पुढविसंसिए, जलमए, जलगए, अणलाणिल-तण- वणस्सइगणणिस्सिए य तम्मयतज्जिए चेव तयाहारे तप्परिणयवण्ण-गंध-रस-फासबोंदिरूवे अचक्खुसे चक्खुसे य तसकाइए असंखे । थावरकाए य सुहुमबायर-पत्तेय-सरीरणामसाहारणे अणंते हणंति अविजाणओ य परिजाणओ य जीवे इमेहिं विविहेहिं कारणेहिं १३ किं ते ? करिसण पोक्खरिणी - वावि वप्पिणि- कूव-सर-तलाग- चिइ- वेदि खाइय- आराम - विहार-थूभपागार-दार-गोउर-अट्टालग - चरिया सेउ-संकम-पासाय- विकप्प-भवण- घर-सरण-लयण-आवण-चेइयदेवकुल-चित्तसभा-पवा-आयतणा-वसह-भूमिघर-मंडवाण कए भायणभंडोवगरणस्स य विविहस्स य अट्ठा पुढविं हिंसंति मंदबुद्धिया । १४ जलं च मज्जण-पाण-भोयण-वत्थधोवण- सोयमाइएहिं । पयण-पयावण-जलावण-विदंसणेहिं अगणिं । १५ १६ सुप्प - वियण-तालयंट-पेहुण-मुह- करयल - सागपत्त-वत्थमाईएहिं अणिलं हिंसंति । अगार-परियार-भक्ख-भोयण-सयणासण-फलक- मूसल-उक्खल - ततवि-ततातोज्ज-वहण-वाहण-मंडवविविह-भवण-तोरण-विडंग-देवकुल- जालय-द्धचंद- णिज्जूहग-चंदसालिय-वेतिय-णिस्सेणि-दोणी चंगेरी-खील-मंडव-सभा-पवाव-सहागंध-मल्लाणुलेवणं- अंबर - जुहणंगल- मइय-कुलिय-संदण-सीयारह सगड - जाण जोग्ग अट्टालग-चरिय-दार-गोउर-फलिहा- जंत-सूलिय-लउड-मुसंढि सयग्घी - बहुपहरणावरणुवक्खराणकए-अण्णेहिं य एवमाइएहिं बहूहिं कारणसएहिं हिंसइ ते तरुगणे भणियाभणिए य माई | १८ सत्ते सत्तपरिवज्जिया उवहणंति दढमूढा दारुणमई कोहा माणा माया लोहा हस्स रई अरई सोय वेयत्थी जीय-धम्मत्थकामहेउं सवसा अवसा अट्ठा अणट्ठाए य तसपाणे थावरे य हिंसइ - सवसा हणंति, अवसा हणंति, सवसा अवसा दुहओ हणंति, अट्ठा हणंति, अणट्ठा हणंति, अट्ठा अणट्ठा दुहओ हणंति, हस्सा हणंति, वेरा हणंति, रईय हणंति, हस्सा-वेरा-रईय हणंति, कुद्धा हणंति लुद्धा हणंति, मुद्धा हणंति, कुद्धा लुद्धा मुद्धा हणंति, अत्था हणंति, धम्मा हणंति, कामा हणंति, अत्था धम्मा कामा हति । कयरे ते ? जे ते सोयरिया मच्छबंधा साउणिया वाहा कूरकम्मा वाउरिया दीविय बंधणप्पओगतप्पगल-जाल वीरल्लगायसीदब्भ-वग्गुरा-कूडछेलियाहत्था हरिएसा साउणिया य वीदंसगपासहत्था वणचरगा लुद्धगा महुघाया पोयघाया एणीयारा पएणीयारा सर दह-दीहिय-तलाग-पल्ललपरिगालण- मलण-सोत्तबंधण-सलिलासयसोसगा - विसगरलस्स य दायगा उत्तणवल्लर- दवग्गिणिद्दया पलीवगा कूर कम्मकरी । २० इमे य बहवे मिलक्खुजाई, के ते ? सक- जवण - सबर- बब्बर- गाय-मुरुं-डोद - भडग- तित्तिय पक्कणिय- कुलक्ख-गोड-सीहल- पारस-कोचंध-दविल-बिल्लल-पुलिंद - अरोस-डोंब-पोक्कण-गंधहारगबहलीय-जल्ल-रोम-मास - बस - मलया-चुंचुया य चूलिया कोंकणगा - मेत्त पण्हव- मालव- महुर 3

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