Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Prakashan

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shn Kalashsagarsuri Gyanmandir ||य, पढमस्स णं भंते ! सुयकंखधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं णाया कति अझयणा पं०?, एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं| णायाणं एगूणवीसं अञ्झ्या पं० तं० -'उक्खित्तणाए संघाडे, अंडे कुम्मे य सेलगे । तुंबे य रोहिणी मल्ली मायंदीचंदिमा इय १० | ॥१॥ दावहवे उदगणाए, मंडुक्के तेयलीविय । नंदीफले अवरकंका, अतिने सुंसुमा इय ॥२॥अवरे य पुंडरीयणायए १९ एगूणवीसतिमे 1५जतिणं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणंणायाणं एगूणवीसा अज्झयणा पं०० - उक्खित्तणाए जाव पुंडरीएत्ति य, पढमस्सणं भंते ! अज्झ्य णस्स के अटे पं०?, एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं० इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणद्धभरहे रायगिहे णामं नयरे होत्था, वण्णओ, चेतिए वन्नओ, तत्थ णं रायगिहे नगरे सेणिए नामं राया होत्था महताहिमवंत० वनओ, तस्स णं सेणियस्स रन्नो नंदा नामदेवी होत्था सकमालपाणिपायावण्णओ।६।तस्सणं सेणियस्सपुत्ते नंदाए देवीए अत्तए अभए नामंकमारे होत्था अहीणजावसरूवे सामदंडभेयउवच्च्याणणीतिसुम्यउत्तणयविहिन्नू ईहावूहमग्गणगवेसणअत्थसत्थमइविसारए उम्पत्तियाए वेणइयाए कम्मियाए पारिणामिआए चविहाए बुद्धीए उववेए सेणियस्सरण्णो बहुसुकज्जेसुय कुडुंबेसुयमंतेसु य गुज्झेसुय रहस्सेसुयनिच्छएसय आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलंबणं चक्खू( ५० वत्थू) मेढीभूए पमाणभूए आहारभूए आलंबणभूए चक्खूभूए सव्वकज्जेसु सव्वभूमियासु लद्धपच्चए विइण्णवियारे रज्जधुरचिंतए यावि होत्था, सेणियस्स रन्नो रजंच टुंच कोसंच कोट्ठागारं च बलं च वाहणं च पुरं च अंतेउरं च सयमेव समुवेक्खमाणे२ विहरति ।७ तस्स णं सेणियस्स रन्नो धारिणी नाम देवी होत्था जाव ॥श्रीज्ञाताधर्मकथाङ्गम् ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित || For Private And Personal

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