Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
१
१७६
११७६ १२।१२ १६१८१ १। ११ १।५।२० १।५।२० २१४३६ १।१४।३६
नाइ चउण्ह य कुल जाव विहराहि १७।२५ नाइ जाव आमंतेइ
१।१४१५३ नाइ जाव नगरमहिलाओ
१२११६ नाइ जाव परियणं
१।१४।१६ नाइ जाव परियणेण
शा४८ नाइ जाव परिबुडे
१।१६।५० नाइ जाव संपरिवुडे
१।१३।१५:१।१४।५३ नाम वा जाव परिभोग
१।१६।६७ नाम जाव परिभोग
१११४१३७ नासानीसासवायवोझ जाव हंसलक्खणं
११।१२८ निक्लेवओ
२।४।६ निक्खेवओ अज्झयगस्स
રારા निक्खेवओ चउत्थवग्गस्स
२।४18 निक्खेवओ दसमवग्गस्स
२११०७ निक्खेवओ पढमज्झयणस्स
२०३८ निक्खेकओ बिइयवग्गस्स
२।।१० निग्गंथा जाव पडिसुणेति
१।१६।२३ निगंथाणं जाव विहरित्तए शश१२४ निगंथी वा
१११८१६१ निग्गंयो वा जाव पव्वइए
श७२७,१११०१३,१११११३,५ निग्गंथे वा जाव पव्वइए १२।७६ निग्गंथो वा
१।१७।२५,३६ निग्गंथी वा जाव पंचसु
२१५।१४ निग्गंथो वा २ जाव विहरिस्सइ १।५।१२६ निद्वियं जाव विज्झायं
श११८४ निप्पाणे जाव जीवविप्पजढे १११८१५४ नियग०
१९७६ निव्वत्तियनामधेजे जाव चाउदंते १११।१६७ निवाघायंसि जाव परिवा निसंते जाव अब्भणु ण्णाया १।१४।५० निसम्म जं नवरं महब्बलं कुमार रज्जे ठावेमि
१२८८ निसीयइ जाव कुसलोदंतं
१।१६।१६८
आयारचूला १५०२८
२।११४५ २।११४५ २।१२६३ २०१६६३ २।११४५ २॥१॥६३
शश२६ ११५११४ शश६८ श२।६८ १।२।६५ १।२।६८ २३६२४ ११२१७६ श११८३ ११२।३२
१श८१
११११५६ राय० सू० ८०४
११११०४
१८७ १११६१८७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491