Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Nayadhammakahao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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समाणा जाव चिट्ठति समाणी जाव विहरितए समोवइए जान निसीइसा
समोसरणं
सम्मज्जिवलितं जाव सुगंध वरगंधियं
सम्मज्जिवलितं सुगंध जाव कलिये सम्माड जान पडिविसज्जेइ
सयमेव० आयार जाव धम्ममाइक्ख इ सरिसगं जाव गुणोवत्रेयं
सरिसियाओ जाव सगणस्स पव्वइस्ससि
सब्वओ जाय करेमाणा
सव्वं तं चैव आभरणं
सम्बन्ईए जान निग्धोसनाइयरवेणं सासु जाव रज्जपुराचितए सहइ बाब अहियासेद
सहजायया जाय समेच्या
सहियाणं जाव पुण्वरता०
साइमं जाव परिभाएमाणी सामदंड०
साल पूर्ण जाव नेहावगाढेणं
सालय जान आहारेसि
सालइयं जाव गोबेड
सालइयं जाव नेहावगाढं
सालइयस्स जाव नेहावगाढस्स
सालइयस्स जाव एगंभि
साहरह जब बोलत
सिंगारा जाव कुसला
सिंगारागारनारूबेसाओ जाव कुसलाओ
सिंघाडग०
सिंघाड जान पहे तिचा जाब बहुजणो
सिघाडा जान महया सिक्लावइए जान पडिवण्ण सिम्झिहिर जान मंत
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