Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandie
सव्वेऽविणं महापाताला दसदसाई जोयणसहस्साइमुव्हेणं पं० भूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पं०, बहुमझदेसभागे एगपएसिताते || सेढीए दसदाई जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पं० उवरि मुहमूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं पं०, तेसिणं महापातालाणं कुड्डा सव्ववइरामया सव्वत्थ समा दस जोयणसयाई बाहल्लेणं पं० सव्वेविणंखुद्दा पाताला दस जोयणसताई उव्हेणं पं०, मूले दसदसाई जोयणाई विक्खंभेणं, बहुमज्झदेसभागे एगपएसिताते सेढीते दस जोयणसताई विक्खंभेणं पं० उवरि मुहमूले दसदसाइं जोयणाई विक्खंभेणं पं० -तेसिंणंखुड्डागपातालाणं कुड्डा सव्ववइरामता सव्वत्थ समा दस जोयणाई बाहल्लेणं पं०१७२० धायतिसंडगा णं मंदरा दसजोयणसयाई उव्वेहेणं धरिणतले देसूणाई दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरि दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पं०, पुक्खरवरदीवद्धगाणं मंदरा दस जोयण एवं चेव । ७२१ । सव्वेऽविणं वट्टवेयद्धपव्वता दस जोयणसयाई उद्धंउच्चत्तेणं दस गाउयसयाइमुब्वेहेणं सव्वत्थ समा पल्लगसंठाणसंठिता दस जोयणसयाई विक्खंभेणं पं०१७२२ । जंबुद्दीवे २ दस खेत्ता पं००-भरहे एरवते हेमवते हेरनवते हरिवस्से रम्भगवस्से पुव्वविदेहे अवरविदेहे देवकुरा उत्तरकुरा ।७२३माणुसुत्तरे णं पव्वते मूले दसबावीसे जोयणसते विक्खंभेणं पं०७२४ सव्वेऽविणभंजणगपव्वता दस जोयणसयाइमुव्वेहेणं मूले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं उवरिं दस जोयणसताई विक्खंभेणं पं०, सव्वेऽविणं दहिमुहपव्वता दस जोयणसताई उव्वेहेणं सव्वत्थ् समा पल्लगसंठाणसंठिता दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं पं, सव्वेऽविणं रतिकरगपव्वता दस जोयणसताई उद्धंउच्चत्तेणं दसगाउयसताई उव्वेहेणं सव्वत्थ समा | ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्रं ॥
| पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221