Book Title: Adwait Dipika Part 01
Author(s): S Subramanya Shastri
Publisher: Sampurnand Sanskrit Vishvavidyalaya

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Page 20
________________ [ 7 ] . 170 177 179 विषयाः पृष्ठाङ्काः सत्कार्यवादपरीक्षा ज्ञानात्मनोः संबन्धानिरूपणान् न गुणगुणिभावस्संबन्धः आत्मस्वरूपस्य ज्ञानस्य ज्ञानत्वं न स्यात् इति शंकानिरासः एवमेवास्मादात्मनः इत्यादि श्रुतेः जीवोत्पत्तिशङ्का, निरासः नहिद्रष्टुदृष्टेरिति श्रुतेः 178 दृशिरूपस्य द्रष्टत्वोपपादनम् अहमतुभवे प्रकाशमानस्यात्मनः स्वरूपविचारः .. 180 अहमिहैवास्मि जानान इत्यनुमवादात्मनः परिच्छिन्नत्वशंका देहाभेदादारोप इति समाधानम् - 184 आत्मा ज्ञानस्वरूपः अन्तः करणतादात्म्याध्यासात् तस्यम्कतृत्वदुःखादि / सुखानुभवस्तु आत्मस्वरूपसुखस्यैव. 185 उपपत्ति सहितः समकालिकविषयदुःखिप्रेमास्पदत्वानुभवः आत्मनः उभयरूपत्वं ख्यापयतीति व्यवस्था 186 विभुगुणानां स्वसमवाय्यवच्छिन्नदेशमात्रोत्पत्तिरिति नियमखण्डनम् सुखाद्याश्रयस्य विभुत्वानुमाननिरासः 190 उत्क्रमणश्रुतेरौपचारिकत्वखण्डनम् 162 आत्मनः अणुत्वशङ्का 194 आत्मनोऽनणुत्वे अणुत्वश्रुतिविरोधपरिहारः परमात्मन एव वेदितव्यत्वात् 197 जीवाणुत्वमतनिरासः 200 ध्यायतीवेत्यत्र इवशब्दस्य मिथ्यात्वमेवार्थः न तु स्वातन्त्र्यनिषेधमात्रम् 204 मुक्त्यवस्था स्वाभाविकी न तु कृतिसाध्या 207 स्वेन रूपेणाभिष्पद्यते इति श्रुत्यर्थः जक्षत्क्रीडन्-द्वत्यादिः स्र तिः 208 ज्ञानाय श्रवणादिविधिसार्थक्यम् 210 अविद्यानिवृत्तिस्वरूपवर्णनम् 211 अभावस्याधिकरणस्वरूपता 214 अविद्यानिवृत्तेः ज्ञानसाध्यत्वोपपादनं आत्मनः निरतिशयानन्दत्वसाधनम् 218 आत्मनः सुखरूपत्वे परमप्रेमास्पदत्वं हेतुः तत्राप्रयोजकत्वशंका 220 दुःखाभावस्यापुरुषार्थता 228 सांख्यमतनिरास आत्मनः सुखरूपत्वे पूर्वपक्षः 231 217 230

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