Book Title: Adhyatma Vicharna
Author(s): Sukhlal Sanghvi, Shantilal Manilal Shastracharya
Publisher: Gujarat Vidyasabha

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Page 142
________________ ६७, १८ ११४ अनुक्रमणिका [ पा०टि० पाद-टिप्पनका सूचक है।] अंगुत्तरनिकाय ४२ (पा० टि०) | अन्न (चेतनभूमिका) १०१ अकुशल कर्म अपवर्ग अक्लिष्ट वृत्ति १०७,१०१-१० अभिधम्मट्ठसंगहो ४२ (पा.टि.) अक्षपाद अभिधर्म ४२ अक्षर ब्रह्म ८६ / अभिनिवेश १६,११० देखो क्लेश' अग्निवेश १९ अभ्यास ११० देखो 'योग' अज्ञान अरविन्द १३२ अणुजीववादी ६६;-रामानुज, अरिहन्त १२९ वल्लभ ७४;-जीवात्मवादी अरूपी स्कन्ध ८६;-परिमाण ८१; भाष्य अर्पणा समाधि ११२, ११६ देखो ६८ (पा० टि०) 'समाधि अणुव्रत १०४ अर्हत् ६०;-जीवन्मुखका पर्याय अद्वैत-दर्शन ८१;-परिणाम- । बौद्धमें वादमेंसे द्वैतकूटस्थवादका । अविकृत-परिणामी ब्रह्म, वल्लभमें विकास २६;-वाद ७८ अनात्मवाद १३, २४,-विविध | अवितर्क, सम्प्रज्ञात योगभूमिका १३, २४ ११२ अनिर्वचनीय माया ३१ अविद्या । ९३, १६, १०६; देखो अनुप्रेक्षा 'क्लेश'; के नाशका उपाय विद्या अनेकदेववाद १८, देखो 'विद्या'; के पर्याय अनेकात्मवादी 'दर्शनमोह'; जैनमें १७, ४१ "मन्तव्य mro

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