________________ प्रकाशनार्थ 'संकलन कर्ता--- प्रागम मनीषी तिलोकमुनि आगमों का सारांश आगम प्रेमी स्वाध्यायियों के लिए सुअवसर ___ जैन समाज के लिए अत्यन्त ही हर्ष का विषय है कि हमारे संपूर्ण प्रागमों में से एक एक पागम शास्त्र की एक-एक छोटी हिन्दी की पुस्तक प्रकाशित हो रही है। जो 48-60 पृष्ठ तक की होगी। ये पुस्तकें बाल, युवा, स्त्री एवं पुरुषों सभी को प्रागम ज्ञान कराने में बहुत ही महत्व शील है। इस पागम बतीसी का प्रकाशन सिरोही से प्रागम नवनीत प्रकाशन समिति करा रही है। इन पुस्तकों के प्राप्ति का स्थान एवं पत्र व्यवहार का पता इस प्रकार है१-श्री पुखराजजी जैन २-हनुमानलालजी टाइपिस्ट के/ो पंजाब नेशनल बैंक मरुधर केशरी जैन भवन पोस्ट सिरोही-३०७००१ राजामल का बाग (राजस्थान) पोष्ट पुष्कर-३०५०२२ जिला-अजमेर (राज.) आगम पुस्तकें भेंट दिलवाने वाले महानुभावों का 20 प्रतिशत या 40 प्रतिशन छ ट दी जाएगी एवं एक सेट का अग्रिम ग्राहक बनने पर 37 प्रतिशत छ ट दी जाएगी अर्थात् १६०/=रु० की पुस्तकों का अग्रिम ग्राहक का शुल्क केवल 100/= रु० रखा हैं / __ पागम पुस्तकों का प्रकाशन शीघ्र पूर्ण हो इसके लिए उदारमना श्रीमंत सुश्रावकों का सुकृत सहयोग इस प्रकार अपेक्षित है।