Book Title: Acharang Sutra Saransh
Author(s): Agam Navneet Prakashan Samiti
Publisher: Agam Navneet Prakashan Samiti

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Page 57
________________ सुकृत सहयोगी स्तंभ(१) संस्थापक - 5000 =एवं इससे अधिक (2) संरक्षक - 2500/ = एवं इससे अधिक (3) सहायक __- १०००/=एवं इससे अधिक (4) सदस्य - ५००/=एवं इससे अधिक अपनी तरफ से 25-50-100-200 प्रादि संख्या में पुस्तके भेट भेजने की स्वीकृति / कृपया आप स्वयं अग्रिम ग्राहक अथवा सुकृत सहयोगी स्तंभ बने एवं अन्य को प्रेरणा करें। तिवेदकहनुमानलाल टाइपिस्ट पुष्कर-(राज०) - प्रकाशनार्थ-- . श्रीमान् रामस्वरूपजी गर्ग का पत्र जैन विश्व भारती लाडन के सूचना केन्द्र अधिकारी श्रीमान् गर्ग सा. के पत्र का कुछ अंश इस प्रकार है-- - उत्तराध्ययन पर संक्षिप्त विवेचनात्मक पुस्तिका देखकर चित्त प्रसन्न हो गया। इस तरह के सुन्दर प्रकाशन से भावी पीढी को संस्कारित करने तथा धर्म का बोध देने में बड़ी उपयोगिता स्वयं सिद्ध है / मैं पुस्तक के प्रकाशक को इसके लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।

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