Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
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आगम संबंधी साहित्य
[भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि
[अ - कार] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य)
प्रत
-
८आ. ९स
सूत्रायः
१४ उपा.
सूत्रांक यहां देखीए
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१५ अंत
%
१६१
-
४४
१६ प्रश्न
-
१०४
७विपा.
३
दीप क्रमांक के लिए देखीए
4.-
सूत्राद्यादि.. सूत्रे. अडविहे संवरे पण्णत्ते १० | अट्ठसमतिए केवलिसमु०१०
अट्ठ समितीतो पण्णचा१० | अट्ट सुहमा पग्णचा १० अहिं० एमल्लविहार०१० अट्ठहिं ठाणेहि माती मायं१० अहिं पण्डिच्छित्तए १० अहहिं संघटितवं . अटुंतका रामा ११ अड्डारसविहे भे ११ अट्ठावयमुज्जते ८ अड्डावयं न सिक्खिजा ९ अट्ठावीसविहे. पकप्पे ११ अड्डी जहा परीरंमि ८
-DEOCSCR-CA
सूत्रायः सूत्राद्यादि. सूत्रे. सूत्राशङ्कः सूत्रायादि. सूत्रे. ५९८ । अणगारवाइणो पुढवि० ८ १०० नि. अणगारेण माई राय६५२ अणगारस्स अणाउत्तं
गिहे रूबाई जाणति १२ ६०३ गच्छमाणस्स वा०कि
अणच्चावितं अवलितं १० ६१५
इरियावहिया १२ २६६ अणनपरमं नाणी ८ अणगारेण अप्पणो कम्मलेस्सं१२.५३३
अणभिकंतं च खलु वयं ८ ५९७ अणगारेणं अमाईवा
अणभिग्गहिया भासा १२ ६०४ - नारसीए रूबाई १२ १६२
अणसण ऊणोयरिया १२
अणंतराय आहारे ११ १४० अणगारेण बाहिरए.
अणंतरोगाढएण नेरइये १८ । प¥० इत्थिरू वा १२
पावं कम्मं किंबंधीई१२ ३३५नि. अणगारेण बाहिरए.
अणंतरांगाढा जहा अणं४५३ - वेभारे० उल्लंघचए वा१२
तरोव०१२ २८ अणगारेणं भाषियप्पा
अणतरोष नेरइए पार्व ८५नि देव जाणद० १२१५५ । कम्म किंबंधीइ १ १२
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'सवृत्तिक आगम
८४८
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सुत्ताणि
१६
- 15
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