Book Title: Aagam Sambandhi Saahitya 03 Aagam Sootradi Akaaraadi
Author(s): Anandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Param Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad

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Page 19
________________ आगम संबंधी साहित्य [भाग-3] अंग-सूत्रादि-अकारादि [अ - कार ] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: अंग-सूत्रादि-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्रांक यहां देखीए ८आ. ९ १० स्था- ६१ स. १२. १३बा. ११८नि दीप क्रमांक सूत्राद्यादि. सूत्रे अस्थि ण मैते ! सयासमियं । सुहमे० पवडा १२ अथिचि किरियवादी ९ अस्थि मे आया ८ अस्थे अपरिआवसे ११ | अथ भंते ! अदसिङ्घसंभ० केलतियं कालं जोणी १० अदक्खुव दक्खु वाहियं ९ आदिस्समाणे कयविकयेसु८ अदीणसत्तुसंखे ११ | अदु जेजणि अलंकार ९ अकु कण्णणासच्छेद ९ अदु इचरा उवचरंति ८ सूत्रायः सूत्राचादि. सूत्रे. | अदु णाहणं च सुहीणं वा ९ अदुचरं च णं पुरिसविजयं९ अदुधावरा य तसत्ताए ८ अदु पोरिसिं तिरियं ८ अदुवा अदिनादाणं ८ ५७२ अदुवा तत्थ परकमंतं ८ १५३% अदुवा माहणं च ८ अदु वायसा दिगिछन्ता ८ ८. अदु साविया पवाएणं ९ २८४ * | अद्दपुरे अहसुतो ९ २६८० अदाणक्खचे एगतारे १० ७२. अधोलोगे थे पंच अणुत्तरा१० AAAAAA सूत्रायः। सूत्राद्यावि. सूत्रे. सूत्रायः १४ उपा. २६० * | अनउत्थिता कहणं सम १५ अंत३१ । णाणं २ किरिया १. १६७ 1१६ प्रश्न ५५ * | अन्नउत्थिया एवं खलु पाणाइ० ल१७विपा. ४६* बमाणस्स०अने जीवे अमे जीवाया १२ ५९७ अनउत्थिया०एवं खलु समणा पंडिया समणो० १०४* बालपंडिया १२ २७२ अनउत्थियाचलगाणे १८७नि अचलिए १२ ८१ ५५ | अबउत्थिया०जावतिया । ४५१ | रायंगिहि जीवा १२ २५४ २२१ ++MACHAR के लिए । देखीए 'सवृत्तिक आगम सुल्ताणि -19

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