Book Title: Aadhyatmik Aalok Part 03 and 04 Author(s): Hastimal Maharaj, Shashikant Jha Publisher: Samyag Gyan Pracharak Mandal View full book textPage 8
________________ कथा गुरुदेव के चरणों में रखता। म माने कितने शहर और ग्राम इसी मुराद में देखने पड़े थे। भन्त की पूर्ण परीक्षा के बाद सोने का सूर्य उरय हुग्रा हृदय के कमल खिल उठे और गुरुदेव ने सन् २०१६ के चातुर्मास की स्वीकृति प्रदान करदी। घार मास तक सैलाना तीर्थ स्थान बन गया। सामायिक सम्मेलन, स्वाध्याय संघ का प्रसार एवं विहार के बाद तत्काल ही एन दिक्षा का अपूर्व लाभ भी सेठ सा• ने नहीं छोड़ा। सेठ सा० की अोर से धर्म-ध्यान के लिए एक मकान एवं ज्ञान वृद्धि के लिये पुस्तकालय की निजी व्यवस्था है । चातुर्मास एवं दीक्षा आदि का सम्पूर्ण भार स्वयं ने ही ठाया एवं चातुर्मास की खुशी में सभी को पूर्ण सहयोग दिया। . . . सेठ सा० के चार पुत्र हैं-श्री मोतीलालजी, श्री मथुरालालजी, श्री रतनवाबू एवं श्री दाड़मवावू । चारों ही भाई पूर्ण सेवा-भानी, उत्साही एवं अनन्य भक्ति की भावना. बाले हैं एवं भविष्य में सेठ सा० के ही पद-निह्नों पर चलकर शासन की ज्योति जगावेंगे, ऐसी पूर्ण प्राशा है।Page Navigation
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