Book Title: 1st Jain International Conference
Author(s): Jaina Jito Shrutratnakar
Publisher: Jaina Jito Shrutratnakar

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Page 19
________________ 1 st INTERNATIONAL JAIN CONFERENCE Acharya Padmasazarsuri सामने आ रहे हैं और उसकी आहट तक जैन समाज अपने कानों पर नहीं ले रहा है। आशा है कि विश्वभर से सम्मिलित हो रहे जागरूक विचारक इन बातों के लिए भी यथार्थ परिस्थिति एवं उस हेतु योग्य कार्यवाही की रूपरेखा लेकर जैनसंघ व समाज के समक्ष आएँगे। खास कर श्रमणसंघ को इन सभी विषयों से अवगत करवाया जाएगा। इस कॉन्फरेन्स की उत्कृष्ट सफलता हेतु मेरी शुभकामनाएँ। मैं सभी आयोजकों एवं सम्मिलित होने वाले सभी सहभागियों को साधुवाद सह आशीर्वाद देता पद्मसागरसूरि “पभसारसरि

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