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________________ नवाङ्गी- पृ. वृ० श्रीज्ञाताधर्मकथाङ्गे ॐॐॐॐॐ माणियदोहला मुक्का, भुक्खा, णिम्मंसा, ओलग्गा, ओलुग्गसरीरा, पमइलदुब्बला, किलंता, ओमंथिय- १-उरिक्षवयणनयणकमला, पंडुइयमुही करयलमलियव्य, चंपगमाला णित्तेया, दीणविवण्णवयणा, जहोचियपुप्फ- सप्ताध्य. गंधमल्लालंकारहारं अणभिलसमाणी, कीडारमणकिरियं च परिहावेमाणी, दीणा, दुम्मणा, निराणंदा, * असंपूर्ण भूमिगयदिट्ठीया, ओहयमणसंकप्पा जाक झियायइ तते णं तीसे धारिणीए देवीए अंगपडियारियाओ, का दोहदअभितरियाओ; दासचेडीयाओ; धारिणीं देवीं ओलुग्गं जाव झियायमाणिं पासंति, पासित्ता; एवं स्थितिवदासी-किण्णं तुमे देवाणुप्पिए !, ओलुग्गा, ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि तते णं साधारणी देवी | वर्णनम् । ताहिं अंगपडियारियाहिं अभितरियाहिं दासचेडियाहिं एवं वुत्ता समाणी नो आढाति, णो य परियाणाति; अणादायमाणी, अपरियाणमाणी, तुसिणिया संचिट्ठतितते णं ताओ अंगपडियारियाओ अभितरियाओ दासचेडियाओ धारिणीं देवीं दोचंपि तचंपि एवं वयासी-"किन्नं तुमे देवाणुप्पिए, ओलग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ?;" तते णं सा धारिणीदेवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अभितरियाहिं दासचेडियाहिं दोचंपि तच्चपि एवं वुत्ता समाणी णो आढाति, णो परियाणति; अणाढायमाणा, अपरियायमाणा, तुसिणिया संचिट्ठति; तते णं ताओ अंगपडियारियाओ, दासचेडियाओ; धारिणीए देवीए अणाढातिजमाणीओ, अपरिजाणिजमाणिओ, तहेव संभंताओसमाणीओ धारणीए देवीए अंतियाओ पडिओलुग्गा । अ। ॐ ॥३१॥ CAFEIAS
SR No.600322
Book TitleGnata Dharmkathangam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrasagarsuri
PublisherSiddhchakra Sahitya Pracharak Samiti
Publication Year1951
Total Pages440
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_gyatadharmkatha
File Size32 MB
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