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औपपाति
ज्योति० सू. २५
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ते णं काले णं ते णं समए णं समणस्स भगवओ महावीरस्स वेमाणिया देवा अंतिअं पाउन्भवित्था सोहम्मीसाणसणंकुमार- माहिद-बंभ-लंतक-महासुक्क-सहस्साराणय-पाणयारण-अच्चुयवई पहिट्ठा-देवा जिणदंसणुस्सुगागमण-जणियहासा पालक-पुप्फकसोमणस-सिरिवच्छ-णंदिआवत्त-कामगम-पीइगम-मणोगम-विमल-सव्वओभद्द-णामधिज्जेहि विमाणेहि ओइण्णा वंदका जिणिदं १ । मिग -महिस-वराह-छगल-बद्द र-हय-गयवइ-भुअग-खग्गउसभंक-विडिम - पागडिय- चिधमउडा पसिढिल-वरमउड़-तिरीडधारी कुंडल -उज्जोविआणणा मउड-वित्तसिरया रत्ताभा पउमपम्हगोरा सेया सुभ-वण्ण-गंधफासा उत्तमविउविणो विविह-वत्थगंध मल्लधरा महिडिआ महज्जुतिआ जाव पंजलिउडा पज्जुवासंति (सामाणिय-तावत्तीसमहिया सलोगपाल-अग्गमहिसिपरिसाणियआयरक्खेहि संपरिबुडा | समणुगम्मत-सस्सिरीया देवसंघ-जयसद-कयालोया मिग-महिस-वराह-छगल-दहर-हय-गयवइ-भुयगखग्ग-उसभंक-विडिम-पागडिय-चिध
मउडा पालग-पुप्फग-सोमणससि-सिरिवच्छ-नंदियावट्ट-कामगम-पीतिगम-मणोगम-विमल-सव्वओभद्दनामधेज्जेहि विमार्णोह तरुण-दिवायर| करातिरेगप्पहेहि मणि-कणग-रयण-घडिय-जालुज्जल-हेमजाल-पेरतपरिगएहि सपयर-वर-मुत्तदाम-लंबंतभूसणेहि पचलिय-घंटावलि-महुरसद्द-वंस-तंती-तल-ताल-गीयवाइयरवेणं महुरेणं मणोहरेणं पूरयंता अंबरं दिसाओ य, सोभेमाणा सरियं, सपट्टिया थिरजसा देविदा हतुट्ठमणसा, सेसा वि य कप्पवरविमाणाहिवा सविमाण-विचित्त-चिध-नामंक-विगड-पागड-मउडाडोव-सुभदंसणिज्जा समन्निति, लोयंत | विमाणवासिणो यावि देवसंघा य पत्तेय-विरायमाण-विरइय-मणिरयण-कुंडलाभिसंत-निम्मल-नियगंकिय-विचित्त-पागडिचिधयमउडा दायंता अप्पणो समुदय, पेच्छता वि य परस्से रिद्धीओ, जिणिद-बंदण-निमित्तभत्तीए चोइयमई जिणदसणूसुयागमणजणियहासा विउल-बल-समूहपिडिया संभमेणं गगणतल-विमल-विउल-गमणगइ-चवल-चलियमण-पवण-जइणसिग्यवेगा णाणाविह-जाण-वाहणगया ऊसिय -विमल-धवलछत्ता विउब्विय-जाण-वाहण-विमाण-देहरयणप्पभाए उज्जोए ता नहं, वितिमिरं करता सविड्ढीए हुलियं) (पसिढिल -वरम उड-तिरोडधारी मउड-दित्तसिरया रत्ताभा पउमपम्हगोरा सेया ।)