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________________ ।। १०७ ।। पर्यालय-किणकिणत - सुइसुह-सुमहर- सद्दालसोहिएणं सप्पयर - वर-मुत्तदाम-लंबंत- मूसणेणं नरिद - वामप्यमाणरुंदपरिमंडलेणं सीयायववाय- वरिस - विसदोसनासणेणं तमरय-मलबहुल- पडल - धाडणप्रभाकरेणं उउसुह-सिव- च्छाय- समणुबद्धेणं वेरुलिय- दंडसज्जिएणं वइरामयवस्थिनिउण - जोइय- अट्ठसहस्स- वरकंचण- सलागनिम्मिएणं सुम्मिल - रयय - सुच्छएणं निउणोविय - मिसिमिसंत- मणिरयण - सूरमंडलवितिमिरकर - निग्गयग्ग-पडिहय-पुणरवि-पञ्चायडंत चंचल - मिरिइकवयं विणि-मुयंतेणं सपडिदंडेणं धरिज्जमाणेणं आयवत्तेणं विरायंते ) चउच्चामरवालवीजियांगे (चउहि-य ( ताहिअ ) - पवरगिरि-कुहर- विवरण - समुइय - निरुवहय- चमर- पच्छिम - सरीर-संजायसंग याहि अमलिय- सियकमल -विमलुज्जलिय-रययगिरि - सिहर - विमल-ससिकिरण- सरिस - कलधोय-निम्मलाहि पवणाहय - चवल- ललिय- तरङ्ग - हत्थ-नच्चंत - बीड- पसरिय - खीरोदग - पवर-सागरुप्पूरचंचलाहि माणससर - परिसर - परिचियावास - विसयवेसाहि कणगगिरि - सिहर - संसियाहि ओवइय- उप्पइय- तुरीयचवल-जइण-सिग्घवेगाहिं हंसवधूयाहिं चैव कलिए णाणामणि- कणग-रयण-विमल - महरिह- तवणिज्जुज्जल-विचित्त-दण्डाहिं विल्लियाहि नरवइसिरिसमुदय-पगासणकरीहि वरपट्टणुग्गयाहि समिद्ध-रायकुल- सेवियाहि कालागुरु-पवर- कुन्दुरुक्क- वरवण्ण-वास- गन्धुष्याभिरामाहिं सललिया ह उभपाप - उक्खिमाणाहिं चामराहि कलिए सुहसीयल - वायवीइयंगे ) मंगल - जयसद्दकयालोए मज्जणघराओ पहिनिक्खमइ मज्जणघराउ - पडिणिक्खमित्ता अणेगगणनायग-दंडनायग-राईसर-तलवर - माडंबिय - कोडुंबिय - इन्भ-सेट्ठि- सेणावइ - सत्थवाह - दूअसंधिवालसद्ध संपरिवुडे धवलमहामेहणिग्गए इव गह गणदिप्पंत- रिक्ख-तारागणाण मज्झे ससिध्व पिअदंसणे णरवई जेणेव बाहिरिआ उवट्टाणसाला जेणेव अभिसेक के हत्थरयणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता अंजणगिरि - कूडसण्णिभं गयवई णरवई दूरूढे २ । 'errear चे 'ति कल्पवृक्ष इव 'अलंकियविभूसिए' त्ति अलङ्कृतो मुकुटादिभिः विभूषितो वस्त्रादिभिरिति, 'सकोरंटमल्ल दामेणं' ति कोरण्टानि - कोरण्टकाभिधान कुसुमस्तबकवन्ति माल्यदामानि - पृष्पसजो यत्र तत्तथा तेन । वाचनान्तरे पुनश्छत्रवर्णक एवं दृश्यते - ' अब्भपडलपिंगलुज्जलेण' अभ्रपटलमिव - मेघवृन्दमिव बृहच्छायाहेतुत्वात् अभ्रपटलं पिङ्गलं ॥ १०७॥
SR No.600276
Book TitleAupapatikopanga Sutram
Original Sutra AuthorJinendrasuri
Author
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1993
Total Pages200
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aupapatik
File Size19 MB
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