SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चाहे,बादर(मोटा), चाहे, आप, जानतेहो, मैं, नहीं, जानताहूं, उसका, मिथ्या हो,मेरे, दुष्कृत। वा, बायरं, वा, 'तुाभे, जाणह,अहं,न, जाणामि,तस्स,मिच्छा,मि, दुक्कडं। करताहं, हेभगवन् !, सामायिककुं, पापसहित, योगकुं, त्यागताहूं। जहांतक, नियमकुं, से (वहांतक), दोप्रकारके१, तीनप्रकारसे, मनसे, करेमि करेमि, भंते!,सामाइयं, सावज्जं,जोगं, पच्चख्खामि। जाव,नियम,पज्जुवासामि, दुविहं, तिविहेणं,मणेणं, पहेले भूत वचनसे, कायासे, नहीं, करूं, नहीं, कराऊं, उससे२, हेभगवन् !, पीछाहटताहूं, निंदताहूं, गर्हताहूं, आत्माकुं, वोसिरा(हटा)ताहूं । लगापाप वायाए,काएणं, न,करेमि,न,कारवेमि, तस्स, भंते!, पडिक्कमामि,निंदामि,गरिहामि,अप्पाणं,वोसिरामि॥ वो पीछे # आपकी इच्छासे, आज्ञा दो, हे भगवन् !, चलतेलगेपापकुं, पीछाहटाताहूं, आज्ञा प्रमाणहै,इच्छताहूं, पीछा हटना, चलते हुए लगी, के सज्झाय आदि करे इरिया इच्छाकारेण संदिसह भगवन्! इरियावहियं,पडिकमामि,इच्छं,इच्छामि, पडिक्कमिनं इरियावहियाए वहिया | विराधनासे, जावते आवते, प्राणीयोंकुंदबाके, बीजकुंदबाके, लीला घासदबाके, ओस, कीडिके घर, लीलफूल, पाणी, माटी, विराहणाए, गमणागमणे,पाणक्कमणे, बीयकमणे, हरियक्कमणे, ओसा, उत्तिंग, पणग, दग, मट्टी, लियोंके, जालोंकुं,दबाके या मसलके,जो, मैंने, जीवोंकुं, विराधे हो , एक इंद्रियवाले, दो इंद्रियांवाले,तोन इंद्रियांवाले,चार इंद्रियांवाले, मक्कडा, संताणा, संकमणे, जे, मे,"जीवा, विराहिया."एगिदिया, बेइंदिया, तेइंदिया, चउरिंदिया, करने-कराने रूप सावद्यकुं ।२पहले किये-कराये पापसे ।३उस पहेलेके पापकुं आत्मसाखे ।४गुरुसाखे विशेषनिंदताहूं।५ उस पाप परिणामसे। ६ वेइद्रिय आदि। दुःखी कियेहो। 45555555555555555555 5555555555555 55555555 Jain Education intona For Personal Private Use Only
SR No.600211
Book TitlePanch Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorSiddhachal Kalyan Bhuvan tatha Surat
Author
PublisherSiddhachal Kalyan Bhuvan tatha SUrat Nava Upasarana Aradhak
Publication Year1933
Total Pages192
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy