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________________ जाहिर खबर यति कोन्फरन्स के दर्शनकी खुशालीमें हमारे विक्रिये पुस्तके चालु वर्षकी कार्तिकी पूर्णिमा तक जो मंगावेगें उनकी 'निचे लिखे मोल प्रमाण दिये जांयगे. १ खरतर तप गच्छके पंच प्रतिक्रमण, पाखी सूत्र विधिस हित. कीमत रुप्या सवाहे जिस्का दस आना २ रत्नसागर दुसरा भाग. जिस्मे सोले संस्कार और जैन इतिहास श्रावगोंका आचार हे. रुप्या अढाईका दो. ३ खरतर पंच प्रतिक्रमण. मूल रुप्या एक, अभी बारे आने. ४ जिन पूजा संग्रह. मूल रूप्या सवा अभी रुपया एक. ९ खरतर राइ देवसी. मूल छ आना, अभी चार आना. -६ योग रत्नाकर. वैद्यकसार. मूल छआना अभीचारआना.. ७ मोहनजेनस्तवनमाला. मूल चारआना अभी दो आना. मिलनेका पत्ता-मुंबई, भीमसी माणक. मुंबई विचा भोइवाडा, चिंतामणजी मंदिर. कलकत्ता, अफीम चो रस्ता यति जयचंदजी. जाहिर खबर दो जागिरदार यतिके अच्छे स्थान नावारस पडे हे. उनकी गद्दीपर बिठाने लायक दो यति चहिये. उनके नामका शिष्य • होना होगा. उमर वर्ष पनरासे तीस तक होना, वैदक ज्योतिष धर्मशास्त्र व्याकरणका सामान्य ज्ञान होना, चाल चलन की खातरी गवा देना होगा. उमेदवारोंने अपनी अरजी विवेक अकाश औफसपर लिखना प्य तिज्ञानचंद्र
SR No.544071
Book TitleJain Vivek Prakash Pustak 11 Ank 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchandra Yati
PublisherGyanchandra Yati
Publication Year
Total Pages32
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Jain Vivek Prakash, & India
File Size6 MB
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