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विदेशी खांडनी भ्रष्टता _ 'शुगर मशीनरी' नामना पुस्तकमां मि. ए जे टेलर सी. इ. साहेब लखे छे केः-खांड साफ करवानी जगा ८-९ मजला उंची होय छे. साफ करवानी खांड सौथी उंचा मजला उपर लेइ जइ तेमां जोइतुं उनुं पाणी अने थोडु गोरक्त मेळवी नीचे ताप करे छे. ताप वधारे लागवाथी गोर. कना सत्वमां बधो मेल जामी जाय छे. नीचे लोढाना डंडापर लटकावेली 'बोन्फिल्टर' नामनी कपडानी थेलीमा ते साफ थयेलो रस जलदी जलदी नांखीने गाळी ले छे. अने मेल जलदी ठंडो थइ जाय छे तेथी तेनी चारे बाज़ गरमी आपे छे. कपडानी थेलीमां गळी लेवाथी मेल नीकळी जाय छे तो पण तेनी काळाश जती नथी. तेथी २० थी ३० फुट उंची अने ५ थी ६ फुट घेरावानी चालणीमां हाडकांना कोयलानो भुको पाथरेलो होय छ तेमां थेलीमांनो रस पडवा दे छे, जे चालणीमा थइ नीकळे छे त्यारे तेनो रंग सफेद थइ जाय छे.
रिसाला मुफीफुल मुजारश्न ' अकटोम्बर १९०३ अंकमां लखे छे के:-सने १८३६ पहेलां हिंदुस्थानमा एटली बधी खांड बनती हती के पोताना खप उपरांत रुपिया बेकरोडनी खांड युरोप वगेरे परदेशोमां जती हती; पण अफ सोसनी वात छे के इ. स. १८९० मां रु. ३,३९,७९८५१ नी खांड तथा गोळ परदेशोमांथी हिंदमां आव्यां हतां.
जग जाहेर ' बंगाली' पेपर ता ४-११-० ५ ना अंकमां लखे छे के:-इ. स. १९०४ मां रु. ६, ८०, १८, १८८ नी अपवित्र विनाशकारी विदेशी खांड भारतमा आवी हती. वळी खांडना एक कारखानानुं वर्णन लख्युं छे तेमा जणावे छे केः-बीटरुट वगेरे कंद मूळमाथी चोवीस कलाकमां खांड तैयार थइ जाय छे. आवी रीते तडामार तैयार थती अपक्व अने अशुद्ध खांड शेलडीमांथी वनती देशी