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गय था
___ दिगंबर जैन।
पूर्ण ध्यान देना चाहिये । हमें हरेक बातमें रात्रिको बडिमें रहनेवाले लड़कोंकी विदेशोंकी नकल नहीं करना चाहिये । जापान “काय निर्धारिणी अमलकारिणी, ममि.
मादिकी सभ्सा हमारी सम्यतासे बिल्कुल निराही तिका वार्षिकोत्सव शेउ कस्तुचंदनीके सभाप• है वहाँकी आवहवा दूसरी और हमारे यहांकी तित्वमें हुआ। मंत्रीके रिपोर्ट पुनाने पर विद्यार्थी
दूसरी । हमें तो म ने यहां की हाल नोंके अनु- केशरीमल बंदी, चांदमल गांधी और रानमल सार सम्यता और सौहार रखना चाहिये। तथा वर्णी दीपचंदनी, कुँवर दिग्विजयसिंहनी विद्यार्थिओंको अपने ६५पर ध्यान देना चाहिये व मुछे के शिक्षा पूर्ण व्याख्यान हुये थे । शेठ
और पोलिटिकल मामलों में नहीं पड़ना चाहिये ठाकुरदास पानाचंदकी ओरसे रुपये १०) और इससे ध्येयच्युत होनाते हैं । यहां तुम्हारी तो वर्णी दीपचंदनीकी तरफसे साये ३) विद्यार्थिक्या किन्तु पोलिटीकल मामलों में बड़े २ विद्व न ओंके उत्तेननार्थ खात काम करनेवाले छात्रों को शास्त्री जी रीखे गोता खा जाते हैं। एक वितरण किये गये थे। मेरे दोस्त जो अलाहाबाद युनिवर्सिटी के LL.B. सम्मेदशिखरजी-ईन कसन केस हमारी के परीक्षक थे उन्होंने बड़ौसे एक प्रश्न वह चागमें ता. ३ डिसम्बरसे खलेगा जिसमें अपनी पूछा था कि Constitutional Govern- तरफसे मदगम प्राके दो तीन गयाहोंकी .. ment किसको कहते हैं उसमें अनेक लड़कोंने
1 जुआनी ली जायगी। Constitutionals को ही नहीं समझा था ।
। आबूजी तीर्थ-जीर्णोद्धारके लिये गुन. संस्थाओं के संचालकों का चरित्र विद्यार्थि भोंके
* रातसे मुनीम. हनारीवालको १५०७॥) की. लिये आदर्श रहना चाहिये । उसकी छोपर
बच्छ। सहायता मिली है। . . बहुत बड़ी छाप पडती है । सब कामकी सिद्धि
सागवाडा-में मुनि शांतिपागरजीका केश उन्होंने सिर्फ ज्ञानसे बताई थी । पश्चात् अनेक
'लोंच ता. ३१ अक्टूबर को होने वाला था । । महत्व पूर्ण बातें कहकर अंतमें बोर्डिंगहाउसके
पावापुरी-में दीवाली में महावीर निर्वाग मुख्य संस्थापक दानवीर शेठ माणिकचंदजीको
का उत्सवका सालाना मेना होगा। धन्यवाद देकर वर्तमान संत्राइक झवेरी शेठ जिंतर- श्रावण सुदी ६ को नेमियमुकी ठिाकोरदास पानाचंदनी, मंत्री बल्लुमाई जयंतीका उत्सव हुआ था।
लखमीचंद चौकप्ती, स्थानीय कमेटीके सभापति वर्धामें-इस मासमें सेताल जैन परिषद् शेिठ कस्तुरचंदनी, मंत्री धनराजजी और सुप्रिन्टे. विद्यार्थी परिषदू, जैन वेडिंगका वार्षिकोत्सा न्डेन्ट वीर कालुराम नी परवार जिन्होंने गत १२ विशालकीर्ति पाठशालाका उत्सव आदिके अनेक वर्षसे इस संस्थाकी उत्तम रीतिसे सेवा बनाई उत्सव हुए थे । इसमें नागपुर सत्याग्रहमें जेठ है, धन्यवाद दिया। पानसुपारीके पश्च त उसव मानेवाले सेठ चिरंनीलालनी बड़मास्या आदि करीब ११ पजे सानंद समाप्त हुआ, उसी दिन नैन वीरों का स्वागत किया गया था।