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रतलाम बोर्डिंगका उत्सव ।
शेठ मा.प. दि. जैन बोर्डिग हाउस रतलामका १२ वार्षिकोत्सव ता. २१ - २६ अक्टूबर को रतकाम स्टेटके दिवान स० पं. वृनमोहननाथजी नुम्सीके समापतित्वमें होगया जिसमें बम्बई से शेठ ठाकोरदास, शेठ रतनचंद, शेठ हल्लूभाई लक्ष्मीचंदजी, मि. मूले इन्सपेक्टर जुबिली बाग ट्रस्ट फंड और वर्णी दीपचंदजी, कुंदर दिग्विजय सिंहजी तथा पं० छं टेलालजी परवार आदि महानुभाव मी पधारे थे | ता. २१ की रात्रिको शेठ गेबीलालजी मलास्या के समापतित्व में "जैन धर्म ही सार्धं धर्म " इस विषय पर वर्णी दीपचंदनी, कुंदर दिग्विजय सिंहजी और पंडित छोटेलाल के महत्व पूर्ण व्याख्यान हुये थे व त'. २६ को प्रातःकाल ८ बजे रतलाम स्टेटके दिवान साक सभापतित्वमें उत्सव हुआ जिसमें स्टेट के बड़े २ अधिकारी तथा प्रतिष्ठित शेठ साहूकार मी पधारे थे । विद्यर्थिओंके द्वारा मंगलाचरण होनेके पश्चात् झवेरी शेठ ठाकोरदास पानाचंदजीके प्रस्ताव करने पर दिवान सा० मे अपना आसन सुशोभित किया था। बाद बोर्डिग हाउसके छात्रोंने तथा शहरकी जैन बालिकाओंने - मधुर स्वरसे आपका स्वागत किया। फिर बो डिंग की रिपोर्ट चौकसी लल्लू ई की आज्ञानुसार पं० छोटेलालनी परवारने सुनाई, बाद मुळे महोदय, वर्णी दीपचंदन, कुंवर सिंहनी और पं० छोटेलालजी के प्रभावशाली भाषण "शिक्षा" पर हुये । अंत में सभापति महोदयने अपनी मधुरध्वनिमें सब व्याख्यानदाताओंके
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दिगंबर जैन ।
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साथ में यह भी कहा बुनियाद बहुत मजबूत
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सार कह सुनाये थे और कि इस बोर्डिंग हाउसकी है । यह सब बोर्डिंग जैसे राजपूत तथा ब्राह्मण बोर्डिगोंके मकान प्रबन्ध दि विषयोंमें उत्तम है और उक्त बोर्डिगों से प्रथम बोर्डिग रही है । इसको देखकर दूसरे बोर्डिंग हाउस खुले हैं। बोर्डिंग स्थापनाके प्रथम शेठ माणिकचंदजीने मेरे साथ इस बाबत गुफ्तगू की थी। मैंने मी उन्हें सम्पूर्णतया सलाह दी थी और मदद देने का भी वचन दिया था । पीछे श्रीजी हजूरके वरदमलों से यह खोला गया। इसने गत १२ ६र्षमें बहुत तरक्की की है । इससे दूर २के बालकों को विद्याकाम हुआ है। धौध्य फण्डसे निजी मकान हो गया है यह मी इसके लिये सौभाग्यकी बात है । विशेष तो यह मन्दिरके सामने बसा हुआ जिससे कि विद्यार्थियों के हृदय में परमेश्वर का भय बना रहे क्योंकि Fear of God is the beginning of knowledge. इसमें व्यायामशाला मी है परन्तु इसकी अवस्था कुछ सुधार दी जाय तो यह विद्यार्थिओं के लिये अत्यंत लाभदायक होगा। व्यायाम के साथ विद्यार्थि ओंको समयानुसार कार्य्यं करनेकी टेव पड़ना चाहिये । साथमें उन्हें सफाईपर विशेष लक्ष् देना चाहिये । प्रायः देखा जाता है कि लोग दांत बराबर साफ नहीं करते किन्तु मैं अनेक अमेरिकन डाक्टरोंकी सम्मति से वहता हूं कि दांतकी गन्दगी से ६० टका बिमारियां होती हैं। दांत साफ रहनेसे आंख की रोशनी और पाचन शक्ति बढ़ती है । शरीर स्वस्थ और फूर्तिसा रहता है इसलिये सुप्रिटेन्डेन्टको इस बतर