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________________ तपोधन श्रीमद् राजेन्द्रसूरिजी - मुनि जयन्तविजय 'मधुकर' निःसन्देह श्रीमद् का जीवन प्रारम्भिक काल से अन्तिम समय तक त्याग का पक्षपूरक रहा, त्याग में ही उनकी अभिरुचि और तद्वर्ती बाह्यान्तर परिणाम भी रहे। गृहस्थावस्था में ज्येष्ठ बन्धु के साथ रंगून एवं कलकत्ता में रहते हुए भी वहाँ की चकाचौंध एवं जवाहरात की चकमकाहट उन्हें आकृष्ट नहीं कर पायी; किन्तु आत्मिक-आध्यात्मिक भावरूप जवाहरात का आकर्षण सम्पूर्ण आन्तर प्रदेश में सर्वांगीण रूप से प्रतिष्ठित हो चुका था। यह पूर्वभव की एक देन थी। __ यही कारण था कि उनको त्याग-मार्ग इष्ट प्रतीत हुआ, माता-पिता के परलोक गमन के पश्चात भाई से आज्ञा प्राप्त कर वे त्याग-मार्ग की ओर प्रवृत्त हुए। शैथिल्य देखा जब त्यागिवर्ग में, उनकी आन्तर-चेतना जागृत हुई, त्याग किया फिर राग क्यों ? राग यदि त्याग-मार्ग में प्रबुद्ध बनने में अवरोधक बनता है तो उस रागासक्ति का समाप्तिकरण उपादेय है। श्रीमद् की धारणा-शक्ति ने आत्मबल को प्रकट करने की प्रेरणा दी। क्रम था, उपक्रम हुआ। अनुक्रम तो अनुपम रहा। उनका यह निर्णय था : 'त्यागिवर्ग में व्याप्त शिथिलता का सर्वथा अन्त ही त्यागधर्म की प्रतिष्ठा बढ़ा सकेगा' फलस्वरूप उन्होंने सचमुच एक अडिग शासन-संरक्षक के रूप में अपने आपको तत्पर किया और स्वयं का जीवन तदनुरूप निर्मित किया। __ आद्योपान्त द्रव्य-भाव या व्यवहार-निश्चय-समवेत-संयुक्त जीवन उनका एक उद्भट्ट त्यागवीर का जीवन्त प्रतीक बन गया; जाज्वल्यमान जीवन जिनशासन के पटल पर अंकित हो गया। ___ अभूतपूर्व त्याग के उनके अविस्मरणीय जीवन-प्रसंग उनकी गौरवगाथा असाधारण रूप से सदा के लिए गाते रहे हैं और त्याग की गरिमा को अक्षुण्ण बनाये रखने का पावन कर्त्तव्य निभा रहे हैं। यही तो श्रीमद् के पवित्रतम जीवन की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। त्याग जिनशासन का एक पावनतम अंग है; त्याग ही जीवन में अपने लक्ष्य की सम्प्राप्ति का एकमात्र साधन है और वीतराग परमात्मा के उस उपदेश की अनुभूति का एकमात्र निष्कलंक राजमार्ग है। तीर्थंकर : जून १९७५/४० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.520602
Book TitleTirthankar 1975 06 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Jain
PublisherHira Bhaiyya Prakashan Indore
Publication Year1975
Total Pages210
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Tirthankar, & India
File Size4 MB
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