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संभावनाएँ
शब्द भी जोड़ते हैं। आदमी को आदमी से ___ अगर उनमें गहरी खाइयों के बीच सेतु बनने की
क्षमता हो। शब्द भी ___ बनते हैं घावों पर मरहम यदि उनमें स्वभावगत, सहज,
ममता हो। शब्द भी बन सकते हैं हथियार अगर वे फौलादी संकल्पों से
बने हों। शब्द भी बन सकते हैं मंत्र
यदि वे कर्मठ समर्पण में
सने हों। . तुमने तो
अनन्त शब्द दिये थे ! हम ही करते रहे उनकी फिजूलखर्ची अपने विकारों का बौद्धिक स्पष्टीकरण करते हुए ___-निरर्थक। अब जब पकड़ में आने लगे हैं कुछ सूत्र जीवन के .
जगत् के
मानव-मन के तब पछताते हैंकितना बहुत-सा है कहने को शब्द मगर थोड़े; ओ रे अभागे तूने अनुभवों के साथ-साथ शब्द भी क्यों नहीं जोड़े ? तुमने तो अनन्त शब्द दिये थे।
पछतावा
श्रीमद् राजेन्द्रसूरीश्वर-विशेषांक/१४५
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