________________ 5) जीवाजीवाभिगम : उवंगसुत्ताणि 4 (खंड 1), जैन विश्वभारती, लाडनूं (राजस्थान), 1987 6) तत्त्वार्थसूत्र : उमास्वाति, पं.सुखलालजी संघवी, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी, 2001 7) त्रिलोकप्रज्ञप्ति (तिलोयपण्णत्ति) : यतिवृषभ, सं.प्रो.ए.एन्.उपाध्ये, हीरालाल जैन, जीवराज जैन ग्रंथमाला 1, सोलापुर, 1943 8) दशवैकालिक (दसवेयालिय) : नवसुत्ताणि 5, जैन विश्वभारती, लाडनूं (राजस्थान), 1987 9) प्रज्ञापना (पण्णवणा) : उवंगसुत्ताणि 4 (खंड 2), जैन विश्वभारती, लाडनूं (राजस्थान), 1986 10) सूत्रकृतांग (सूयगड) : अंगसुत्ताणि 1, जैन विश्वभारती, लाडनूं (राजस्थान), वि.सं. 2031