________________ ऑगस्ट 2011 173 मानसिक विचारणात्मक छे अने तेथी ज आमां त्रुटिओ होवानी पूरेपूरी सम्भावना छे. आ त्रुटिओ तरफ ध्यान दोरनार अभ्यासीनो हुँ अवश्य ऋणी रहीश. आमा पूर्व महर्षिओना आशयथी कोईक विपरीत प्ररूपणा थई होय के तेओनां वचनो, अन्यथा अर्थघटन थयुं होय तो ते बदल मिच्छामि दुक्कडं.