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से किं तं घउप्पदयलयरपंचिंद्रिय०? चउप्पय० दुविहा पण्णसा, तंजहा-समुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेदिय० गम्भवतियचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिता य, जहेव जलयराणं तहेव चउकतो भेदो, सेत्तं चउप्पदथलयरपंचेंदियः । से किं तं परिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्ख०१, २ दुषिहा पण्णत्ता, संजहा—उरगपरिसप्पधलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिता भुयगपरिसप्पधलय. रपंचेदियतिरिक्खजोणिता । से किं तं उरगपरिसप्पधलयरपंचेंद्रियतिरिक्खजोणिता?, उरगपरि० दुविहा पण्णता, तंजला----जहेव जलयर सवि उपायहे भेदो, एवं भुयगपरिसप्पाणवि भाणितवं, से तं भुयगपरिसप्पथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिता, से तं थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिता। से किं तं खहयरपंचेदियतिरिक्खजोणिया?, खह. २ दुविहा पण्णत्ता, तंजहा-समुच्छिमखहयरपंचेदियतिरिक्खजोणिता गन्भवतियखहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिता य । से किं तं संमुच्छिमखहयरपंचेदियतिरिक्खजोणिता?, संमु. २ दुविहा पपणत्ता, तंजहा-पजसगसंमुच्छिमखहयरपंचेदियतिरिक्षजोणिया अपज्जत्तगसमुच्छिमखयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया य, एवं गन्भवषंतियावि जाव पचत्तगगन्भवतियावि जाव अपजत्तगगम्भवतियावि खहयरपंथेदियतिरिक्खजोणियाण भंते! कतिविधे जोणिसंगहे पण्णते?, गोयमा तिविहे जोणिसंगहे