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________________ पराक्रम के प्रांगण में २३५ इतिहास स्वर्णाक्षरोंमें लिखा जाने योग्य था । आज उस अहिमाके स्थान में कहीं क्रूरता और कहीं कायरताके प्रतिष्ठित होनेके कारण अगणित विपतियों का दोरदोरा दिखाई पड़ता है। वस्तुस्थितिसे अपरिचित होने के कारण ही लोग भगवती महिलाको क्रूरता और कायरता के फलस्वरूप होनेवाले राष्ट्रीय पतनका अपराधी बनाते थे । उन लोगोंन बीता स्थल तक ही सीमित समझा है किन्तु 'साहित्यक्षपण' ने उसे दान धर्म युद्ध तथा दया इन चार विभागोंसे युक्त बताया हूँ | जैनधर्म की आराधना करनेवालो को हम इस प्रकाया में देखें तो हमें विदित होगा कि जैनधर्मका आलोक किस प्रकार जीवनको प्रकाशपूर्ण बलाता रहा है । L मुख्य कर्तव्य बताये गये इतिहास के क्षेत्र में भारतीय स्वातंत्र्य के अप्रतिम आराधक महाराणा प्रतापको हवंस अपनी सारी संपत्ति समर्पित करनेवाला वीर भामाह अहिंसाका आराधक जैनशासनका पालक था । यदि भामाशाहने अपनी श्रेष्ठ 'दानवीरता' द्वारा महाराणा की सहायता" न की होती तो मेवाड़का इतिहास न जाने किस रूपमें लिखा मिलता जैनशासन में आदर्श गृहस्थ के दो है, एक सो वीगेंको वंदना और दूसरा योग्य पात्रोंको औषधि, शास्त्र, अभय, आहार नामके चार प्रकारका दान देना है। एक जैन साधक शिक्षा देते है"धन बिजुरी जनहार नरभव काही लौजिये।" आज भी जैन समाजमें वानकी उच्च परम्पराका पूर्णतया संरक्षण पाया जाता है। जैन अखबारोंसे इस बातका पुष्ट प्रमाण प्राप्त होगा। असमर्थ जनोंको इस सुन्दर पीलीसे समर्थ श्रीमान् सहायता देने थे कि लेनेवाले कल्पित गौरवकी भावनाको बिना आघात पहुँचे १. "स दान-धर्म-यया च समन्वितदचतुष स्यात् ।" -सा० दे०पो० २३४, ३ । २. "जा घनके हित नारि तर्ज पति पूरा सर्ज पितु शीलहि सोई । भाई म भाई कर रिपुसे पुनि मित्रता मित्र तजे दुख जोई ॥ धनको बनियाँ गिन्यो न दियो दुख देशके भारत होई । स्वार आर्य तुम्हारो ई है तुमरे सम और न या अग कोई ॥" -भारतेन्दु हरियचन्द्र । ३. पुरन को धन दे दियो देस प्रेम की राह । त्याग निसैनी बढ़ गयो चित चित भामासाह ।। ४. फर्मल टाउके कथनानुसार यह धन २५ हजार सैन्यको १२ वर्ष तक भरणपोषण में समर्थ था । -टाम राजस्थान १०२-३
SR No.090205
Book TitleJain Shasan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumeruchand Diwakar Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages339
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Culture
File Size7 MB
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