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मवाने-उमरी.
(५१):
वंचित रहताहै, जिसने पूर्वजन्ममें दानपुन्य बहुतकिया है-वह-इस जन्ममें आरामतलब है, जिसने पूर्वजन्ममें देवगुरु धर्मकी खिदमत किइहै वह इसजन्ममें दौलतमंद होताहै, जिसने पूर्वजन्ममें देवगुरु धर्मकी बेअदवी किइहै-रुपये पैसे होतेहुवेभी धर्ममे खर्च नहीकिया है-वह-इसजन्ममें दरिद्री होता है, जिसने पूर्वजन्ममें इल्म पढाथा दुसरोकों तालीम देकर धर्मात्मा बनायेथे-वह-इसजन्ममें विद्वान्
और धर्मज्ञ होताहै, जिसशख्शने पूर्वजन्ममें तोते-मुटु-कबुतर-चिढिया-तीतरवगेराकों-पीजरेमें-केदकियेथे, वह-इसजन्ममें दुसरोंका ताबेदारहोकर तकलीफपाताहै, और केदभी पाताहै. जिसने पूर्व भवमें किली जीवकों तकलीफ नहीदिइ, बल्कि ! तकलीफसें छोडाये है-वह इसजन्ममें किसीका ताबेदार नहीबनता, बल्कि ! खुद मालिक होताहै, जोशख्श अपने गुरुसे-या-उस्तादसे नर्द दगाकी खेलताहै उसका इल्मकारआमद नहीहोता, जोशख्श दानपुन्यकरके पीछे रंजीदा होताहै वह--अगले जन्ममें-नफा-नहीपाता, जोशख्श दुसरोंके लडका-लडकीका-वियोग करादेताहै-वह-अगले जन्ममें औलाद नहीपाता. जोशख्श अपनी जातिका घमंड करताहै वह अगले जन्ममें नीचकुल पाताहै. जोशख्श दुसरोके हाथ पांव तोडडालताहै अगले जन्ममें-बह-लुला-लंगडा होताहै, जिस शख्शने पूर्वजन्ममें जीवोपर रहेम किइहै, वह इस जन्ममें खूबसुरत-कमालहुस्न-और-चहेरेपर मुबारकबादी पाताहै.
जोशख्श लोगोकों कहताहै धर्मकरनेसे कुछ फायदा नही. परलोक किसने देखा ? ऐसा उपदेश देनेवाला शख्श अगलेजन्ममें धर्म-नही-पाता, जोशख्श दुसरोंकों गला घोटकर मारताहै-वहअगले जन्ममें बुरीमोतसे मरताहै, जोशख्श दुसरेसे अपना मतलब लेताहै मगर उसको खानेकेलिये रोटीभी नाहिदेता-वह-अगले ज
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