________________
(५०) सवाने-उमरी. रत-बदशिकल हैकि-कोइउसके शाथ बातकरनाभी नहीचाहता. कहो ! इसकी क्यावजह ? एकशख्श ऐसापैदाहुवाकि-उसकों नवाबी और राजमिला, दुसरा ऐसीजगह पैदाहुवाकि-बुरीजगह शाडदेता फिरताहै, खयालकरो ! इसकी क्यावजह, ? एकमहोलेमें दो-लडके एकहीदिन पैदाहुवे, एक जन्मतेही मरगया, और दुसरा साठवर्षतक जीतारहा. सोचो ! इसका क्यासबब, ? दो-शख्शतिजारत करनेलगे, उसमें एकशख्शकों इसकदर फायदा हासिल हुवाकि-लखपति-करोडपतिबना, और दुसरेकों इसकदर टोटा पडाकि-घरकीपुंजी खोकर दुसरेसे कर्जालेनापडा, बतलाओ ! इसकी क्यावजह, ? अगरकहाजाय इश्वरने ऐसाकियातो-सोचो ! इश्वरको ऐसाकरनेकी क्याजरुरत ? क्योकि-इश्वर रागद्वेषसे निहायत पाकहै, असलमे यहसब-अपनीअपनी-तकदीरके ताल्लुकहै, पूर्वजन्ममें जैसा जिसजीवने कियाथा-बैसा उसके आगेआया.
जोशख्श इश्कबाजी करताहै, जीवोकों कतलकरता है, रहम बिल्कुल नहि. दगाबाज पुरा, घमंड बहुत, शोगसंताप बहुत. और जिसकों देवगुरु धर्मपर एतकात नहीं, ऐसा शख्श अछीगति नही पासा, जोशख्श तप करताहै, व्रत नियम पालताहै, दान देता है, देवगुरु धर्मपर एतकात रखताहै, शास्त्रके फरमानकों मंजुर करताहै
और दिलका साफहै वह स्वर्गगतिको पाताहै, जोशख्श वातकहकर मुकरजाय, मतलबहुवाकि--दुश्मन-बनजाय, धर्ममेंभी नर्ददगाकी खेले, वह दुर्गतिको पाताहै. जोशख्श रहमदिलहो, इन्साफकीवात बोलनेवालाहो, और देवगुरु धर्मपर पुरा एतकात रखताहो-वहअछीगतिको पाताहै. जोशख्श जीवोकी कतलबाजी-न-करे, हरवख्त जीवोंकों बचातारहे-वह-अगले जन्ममें लंबी उमर पाता है, जिसने पूर्वभवमें दानपुन्य नहीकिया, वह-इस भवमें एशआरामसे
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com